Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
ओडिशा के अपहृत विधायक झीना हिकाका को विधानसभा एवं सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) की सदस्यता से शीघ्र इस्तीफा देने का वादा करने के बाद गुरुवार को मुक्त करने का फैसला किया है।
नक्सलियों के एक नेता ने बुधवार को यह जानकारी दी। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
स्थानीय टीवी चैनलों पर 'अरुणा' नाम की नक्सलियों की नेता के प्रसारित ऑडियो संदेश में कहा गया है कि यह निर्णय सोमवार एवं मंगलवार को आयोजित जन अदालत में लिया गया। उन्होंने कहा कि विधायक ने जन अदालत में उपस्थित नक्सलियों एवं ग्रामीणों से राजनीतिक प्रक्रिया द्वारा उनकी समस्याएं सुलझाने में असमर्थ होने के कारण माफी मांगी।
नक्सलियों की नेता ने कहा कि जन अदालत ने विधायक को मुक्त करने फैसला उस समय लिया जब उन्होंने मुक्त होने के बाद जल्द से जल्द विधानसभा एवं बीजद की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की।
अरुणा ने कहा कि विधायक को जिले के नारायणपटना इलाके के बलिपेटा गांव में गुरुवार को सुबह 10.00 बजे मीडियाकर्मियों की उपस्थिति में उनकी पत्नी कौशल्या एवं स्थानीय वकील निहार रंजन पटनायक को सौंपा जाएगा।
नक्सलियों ने 37 वर्षीय हिकाका को 24 मार्च को कोरापुट के लक्ष्मीपुर से अगवा कर लिया था। नक्सलियों ने घोषणा की थी कि वे बुधवार को जन अदालत लगाएंगे जिसमें हिकाका के सम्बंध में फैसला लिया जाएगा।
गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "उनकी जन अदालत के आयोजन के विषय में कोई सूचना नहीं है।" उन्होंने कहा कि सरकार ने नक्सलियों की मांगें मान ली हैं इसलिए विधायक को सुरक्षित रिहा कर देना चाहिए।
इससे पहले नक्सलियों ने विधायक को छोड़ने के बदले 29 कैदियों की रिहाई की मांग रखी थी। लेकिन जब राज्य सरकार ने 25 कैदियों को छोड़ने पर सहमति जताई तो नक्सलियों ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए विधायक के भविष्य पर फैसला जन अदालत में लेने की बात कही थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं