फाइल फोटो
नई दिल्ली:
ओडिशा हाईकोर्ट ने भद्रक की श्रीराम महायज्ञ समिति को रामनवमी के लिए अनुष्ठान करने और साल 2017 की तरह उसी तरीके तथा उसी मार्ग से कलश शोभायात्रा एवं जुलूस निकालने की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने भद्रक के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक समेत राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि इस पावन अवसर पर जुलूस और अन्य संबंधित विधि विधानों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाएं तथा यह सुनिश्चित करें कि कोई सांप्रदायिक तनाव या दंगा ना हो.
मुख्य न्यायाधीश विनीत सरन और न्यायमूर्ति बीआर सारंगी की खंडपीठ ने ये निर्देश दिए. अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता ने प्रतिवादियों को तुरंत इसकी सूचना दी. रिपोर्टों के अनुसार, भद्रक में लागू किए गए निषेधात्मक आदेशों में दोपहर को छह घंटे की छूट दी गई और कल शांतिपूर्ण तरीके से कलश शोभायात्रा निकाली गई.
इससे पहले, समिति के महासचिव मानस मोहंती ने याचिका दायरकर यह मांग की थी कि उसी मार्ग से जुलूस निकालने तथा रामनवमी के अन्य अनुष्ठानों को करने की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं. उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने इस साल 15 मार्च को याचिका खारिज कर दी थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्य न्यायाधीश विनीत सरन और न्यायमूर्ति बीआर सारंगी की खंडपीठ ने ये निर्देश दिए. अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता ने प्रतिवादियों को तुरंत इसकी सूचना दी. रिपोर्टों के अनुसार, भद्रक में लागू किए गए निषेधात्मक आदेशों में दोपहर को छह घंटे की छूट दी गई और कल शांतिपूर्ण तरीके से कलश शोभायात्रा निकाली गई.
इससे पहले, समिति के महासचिव मानस मोहंती ने याचिका दायरकर यह मांग की थी कि उसी मार्ग से जुलूस निकालने तथा रामनवमी के अन्य अनुष्ठानों को करने की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं. उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने इस साल 15 मार्च को याचिका खारिज कर दी थी.
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