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This Article is From Sep 02, 2021

अब असम के नेशनल पार्क से भी हटाया जाएगा राजीव गांधी का नाम

दरांग, उदलगुरी और सोनितपुर जिलों में ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर स्थित राष्ट्रीय उद्यान भारतीय गैंडों, रॉयल बंगाल टाइगर, पिग्मी हॉग, जंगली हाथी और जंगली भैंस जैसे जंगली जानवरों के लिए जाना जाता है.

अब असम के नेशनल पार्क से भी हटाया जाएगा राजीव गांधी का नाम
ओरंग नेशनल पार्क गैंडों, बाघों और अन्य जानवरों का बसेरा है.
गुवाहाटी:

खेल रत्न पुरस्कारों से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Ex PM Rajiv Gandhi) का नाम हटने के बाद अब असम (Assam) के एक नेशनल पार्क से भी उनका नाम हटाया जाएगा. असम कैबिनेट ने बुधवार को ओरंग में राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलकर ओरंग राष्ट्रीय उद्यान करने का प्रस्ताव पारित किया है. इस राष्ट्रीय  उद्यान में देश में रॉयल बंगाल टाइगर्स का सबसे अधिक घनत्व है.

राज्य सरकार का दावा है कि नाम बदलने के लिए कई संगठनों द्वारा राज्य सरकार से संपर्क करने के बाद यह निर्णय लिया गया है. असम सरकार ने एक बयान में कहा, "आदिवासियों और चाय जनजाति समुदाय की मांगों पर संज्ञान लेते हुए कैबिनेट ने राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलकर ओरंग राष्ट्रीय उद्यान करने का फैसला किया है."

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दरांग, उदलगुरी और सोनितपुर जिलों में ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर स्थित राष्ट्रीय उद्यान भारतीय गैंडों, रॉयल बंगाल टाइगर, पिग्मी हॉग, जंगली हाथी और जंगली भैंस जैसे जंगली जानवरों के लिए जाना जाता है.

79.28 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करते हुए, इस पार्क को साल 1985 में एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था और 1999 में इसे एक राष्ट्रीय उद्यान में अपग्रेड किया गया था. 

ओरंग वन्यजीव अभयारण्य का नाम मूल रूप से 1992 में राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था लेकिन कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार द्वारा 2001 में इसे राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में राष्ट्रीय बनाया गया था.

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