नई दिल्ली:
नकदी की कमी की दिक्कत को कम करने के लिए सरकार ने गुरुवार को चुनिंदा कुछ पेट्रोल पंप पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड स्वाइप के जरिये रोजाना 2,000 रुपये तक की नकदी निकालने की मंजूरी दे दी. यह सुविधा देश के 2,500 पेट्रोल पंप पर उपलब्ध होगी.
एक अधिकारी ने कहा, ''यह फैसला लिया गया कि कुछ पेट्रोल पंप जहां पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन पहले से उपलब्ध हैं, वहां इस मशीन में डेबिट कार्ड स्वाइप कर एक व्यक्ति एक दिन में 2,000 रुपये तक की नकद राशि निकाल सकता है.'' पीओएस मशीन वैसी मशीन होती है जिनका इस्तेमाल आम तौर पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से धन के हस्तांतरण के लिए किया जाता है.
सूत्रों के मुताबिक ये व्यवस्था अगले कुछ दिनों के भीतर ही चालू हो जाएगी. ये निर्णय पब्लिक सेक्टर तेल कंपनियों के अधिकारियों और एसबीआई चेयरमैन अरुंधती भट्टाचार्य की बैठक के बाद लिया गया. बैठक में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी मौजूद थे.
सूत्रों के मुताबिक तेल कंपनियां, एसबीआई और अन्य बैंकों से भी बातचीत कर रही हैं और इस नई व्यवस्था को धीरे-धीरे 20 हजार पेट्रोल पंप तक पहुंचाना चाहती हैं.
फिलहाल इस सुविधा के तहत पेट्रोल पंप के पास एसबीआई की प्वाइंट ऑफ सेल मशीन होनी चाहिए. इन मशीनों का इस्तेमाल डेबिट और क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन में होता है. पंप अटेंडेंट कार्ड को स्वाइप कराने के बाद इस धनराशि को देगा.
सूत्रों के मुताबिक यह सुविधा 24 नवंबर के बाद भी जारी रहेगी. गौरतलब है कि 24 नवंबर तक पेट्रोल पंप 500 और 1000 रुपये के नोट स्वीकार करेंगे. तेल कंपनियों के इस कदम को बैंकों में लंबी कतारों को कम करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है.
इससे पहले तेल कंपनियों ने कहा है कि नोटबंदी के बाद भले ही पंपों पर भीड़ बढ़ी हो लेकिन इसके चलते पेट्रोलियम उत्पादों की कोई किल्लत नहीं हुई है और उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से खरीद सकते हैं.
तेल कंपनियां डेबिट या क्रेडिट कार्ड, मोबाइल वॉलेट जैसे कैशलेस ट्रांजैक्शन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए जागरुकता अभियान चलाने की योजना भी बना रही हैं.
एक अधिकारी ने कहा, ''यह फैसला लिया गया कि कुछ पेट्रोल पंप जहां पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन पहले से उपलब्ध हैं, वहां इस मशीन में डेबिट कार्ड स्वाइप कर एक व्यक्ति एक दिन में 2,000 रुपये तक की नकद राशि निकाल सकता है.'' पीओएस मशीन वैसी मशीन होती है जिनका इस्तेमाल आम तौर पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से धन के हस्तांतरण के लिए किया जाता है.
सूत्रों के मुताबिक ये व्यवस्था अगले कुछ दिनों के भीतर ही चालू हो जाएगी. ये निर्णय पब्लिक सेक्टर तेल कंपनियों के अधिकारियों और एसबीआई चेयरमैन अरुंधती भट्टाचार्य की बैठक के बाद लिया गया. बैठक में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी मौजूद थे.
सूत्रों के मुताबिक तेल कंपनियां, एसबीआई और अन्य बैंकों से भी बातचीत कर रही हैं और इस नई व्यवस्था को धीरे-धीरे 20 हजार पेट्रोल पंप तक पहुंचाना चाहती हैं.
फिलहाल इस सुविधा के तहत पेट्रोल पंप के पास एसबीआई की प्वाइंट ऑफ सेल मशीन होनी चाहिए. इन मशीनों का इस्तेमाल डेबिट और क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन में होता है. पंप अटेंडेंट कार्ड को स्वाइप कराने के बाद इस धनराशि को देगा.
सूत्रों के मुताबिक यह सुविधा 24 नवंबर के बाद भी जारी रहेगी. गौरतलब है कि 24 नवंबर तक पेट्रोल पंप 500 और 1000 रुपये के नोट स्वीकार करेंगे. तेल कंपनियों के इस कदम को बैंकों में लंबी कतारों को कम करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है.
इससे पहले तेल कंपनियों ने कहा है कि नोटबंदी के बाद भले ही पंपों पर भीड़ बढ़ी हो लेकिन इसके चलते पेट्रोलियम उत्पादों की कोई किल्लत नहीं हुई है और उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से खरीद सकते हैं.
तेल कंपनियां डेबिट या क्रेडिट कार्ड, मोबाइल वॉलेट जैसे कैशलेस ट्रांजैक्शन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए जागरुकता अभियान चलाने की योजना भी बना रही हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
पेट्रोल पंप, 500-1000 के नोट, नोटबंदी, करेंसी बैन, Petrol Pump, Demonetisation, Currency Ban, Debit Card, Credit Card