फाइल फोटो
मुंबई:
आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी के वकील महमूद आब्दी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इंटरपोल ने मोदी के खिलाफ कभी भी ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी नहीं किया है। आब्दी का दावा है कि जब से मोदी भारत से गए हैं तभी से लगातार वे ईडी और पुलिस के संपर्क में हैं और उन्हें भगोड़ा घोषित करने की कोई जरूरत ही नहीं थी।
उन्होंने कहा कि कभी भी भारत की किसी भी कोर्ट ने ललित मोदी को भगोड़ा घोषित नहीं किया है। वह लंदन में पूरे नियम कानून के तहत रह रहे हैं। तमाम पार्टियां इस मुद्दे का जबरन राजनीतिकरण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस से लेकर किसी भी पुलिस ने कभी भी मोदी को भगोड़ा नहीं बताया है। इसलिए इस शब्द का प्रयोग नहीं होना चाहिए। यह सबको पता है कि मोदी लंदन में रहते हैं।
उन्होंने कहा कि मीडिया हमेशा से ही ललित मोदी पर हमलावर रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया का एक वर्ग हमेशा से मोदी पर निशाना साधता रहा है। उन्होंने मीडिया पर मोदी की पत्नी के ठीक होने का दावा करने पर भी सवाल उठाया और कहा कि क्या मीडिया के पास उनकी पत्नी के इलाज से संबंधित पुख्ता जानकारी है।
उन्होंने कहा कि ललित मोदी के पासपोर्ट पर संप्रग शासन के दौरान बहस हुई और इसमें हितों की लड़ाई नहीं है क्योंकि अंतिम आदेश सरकार बदलने (पिछले वर्ष) के बाद आया।
आब्दी ने दावा किया कि जून 2010 में आरटीआई से सूचना मिली कि दाउद इब्राहिम समूह ललित मोदी पर नजर रख रहा है और उनकी बेटी भी उनके निशाने पर है।
उन्होंने कहा कि मई 2010 में उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी जिसके बाद वह ब्रिटेन चले गए थे।
उन्होंने कहा कि कभी भी भारत की किसी भी कोर्ट ने ललित मोदी को भगोड़ा घोषित नहीं किया है। वह लंदन में पूरे नियम कानून के तहत रह रहे हैं। तमाम पार्टियां इस मुद्दे का जबरन राजनीतिकरण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस से लेकर किसी भी पुलिस ने कभी भी मोदी को भगोड़ा नहीं बताया है। इसलिए इस शब्द का प्रयोग नहीं होना चाहिए। यह सबको पता है कि मोदी लंदन में रहते हैं।
उन्होंने कहा कि मीडिया हमेशा से ही ललित मोदी पर हमलावर रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया का एक वर्ग हमेशा से मोदी पर निशाना साधता रहा है। उन्होंने मीडिया पर मोदी की पत्नी के ठीक होने का दावा करने पर भी सवाल उठाया और कहा कि क्या मीडिया के पास उनकी पत्नी के इलाज से संबंधित पुख्ता जानकारी है।
उन्होंने कहा कि ललित मोदी के पासपोर्ट पर संप्रग शासन के दौरान बहस हुई और इसमें हितों की लड़ाई नहीं है क्योंकि अंतिम आदेश सरकार बदलने (पिछले वर्ष) के बाद आया।
आब्दी ने दावा किया कि जून 2010 में आरटीआई से सूचना मिली कि दाउद इब्राहिम समूह ललित मोदी पर नजर रख रहा है और उनकी बेटी भी उनके निशाने पर है।
उन्होंने कहा कि मई 2010 में उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी जिसके बाद वह ब्रिटेन चले गए थे।
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