केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यों से यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुमार्ने में ढील देने की अपील की है. उनका यह बयान ऐसे मौके पर आया है जब एक दिन पहले ही भाजपा शासित गुजरात ने जुर्माने में कटौती का फैसला किया था. नितिन गडकरी ने कहा, 'यह कोई राजस्व इकट्ठा करने की योजना नहीं है...क्या आपको डेढ़ लाख लोगों की मौत की चिंता नहीं है?' उन्होंने कहा, 'अगर राज्य सरकारें जुर्माने की रकम को घटाना चाहती हैं तो ठीक है, लेकिन क्या यह सच्चाई नहीं है कि लोग न तो कानून को मानते हैं और न ही इससे डरते हैं.'
नितिन गडकरी ने कहा- कड़े नियमों का लक्ष्य है सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना
नितिन गडकरी ने कहा, सभी राज्यों को तमिलनाडु से सीखना चाहिए, जहां सड़क दुर्घटनाओं में 28 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा, 'करीब 2-3 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं की वजह से अपने शरीर के अंगों को गंवा रहे हैं, जो इस देश के लिए बेहद चिंताजनक है. मेरी अपील है कि ये जुर्माना राजस्व के लिए नहीं है, बल्कि लोगों की जान बचाने के लिए है. हमारे यहां सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं.' उन्होंने कहा, 'बदलाव दिख रहा है. लोग कानून का उल्लंघन करने से बच रहे हैं. इस व्यवस्था की वजह से लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी.'
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आपको बता दें कि गुजरात सरकार ने 'मानवता के आधार पर' यातायात नियमों के उल्लंघन पर लगाए जाने वाले जुर्माने में 90 फीसद तक की कटौती करने का निर्णय लिया है. हालांकि राज्य सरकार के इस फैसले ने बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि बीजेपी जुर्माने में बढ़ोतरी की पक्षधर रही है. हालांकि अब खुद बीजेपी शासित राज्य के ही एक मुख्यमंत्री ने जुर्माने में कटौती का फैसला किया है. सूत्रों का कहना है कि इस मामले में पार्टी नेतृत्व गुजरात के सीएम विजय रूपाणी से जवाब तलब कर सकती है.
वीडियो: नितिन गडकरी ने सरकार के कामकाज पर उठाए सवाल
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