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This Article is From Sep 04, 2017

विभाग का अलॉटमेंट हो गया, मंत्रालय अभी नहीं मिलेगा निर्मला सीतारमण को

शपथग्रहण समारोह के बाद राष्ट्रपति भवन की ओर से मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे से जुड़ी सूची जारी की गई है. इसमें बड़े फेरबदल में निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई.

विभाग का अलॉटमेंट हो गया, मंत्रालय अभी नहीं मिलेगा निर्मला सीतारमण को
निर्मला सीतारमण.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल हो गया है. नरेंद्र मोदी ने अपने इस मंत्रिमंडल के नए सहयोगियों में विभागों का बंटवारा भी कर दिया. माना जा रहा है कि शपथग्रहण से पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी यह तय कर चुके थे कि किसे कौन सा मंत्रालय दिया जाना है. राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह के तुरंत बाद पीएम मोदी चीन की यात्रा पर निकल गए जहां पर उन्हें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेना है. शपथग्रहण समारोह के बाद राष्ट्रपति भवन की ओर से मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे से जुड़ी सूची जारी की गई है. इसमें बड़े फेरबदल में निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई.

यह कहने में आश्चर्य सा लगेगा कि निर्मला सीतारमण को रक्षामंत्री का कार्यभार संभालने में दो दिन वक्त लगेगा. देखा जाए तो अभी भी अरुण जेटली ही देश के रक्षामंत्री हैं. वह बतौर रक्षामंत्री सोमवार को जापान के साथ होने वाली एक प्रमुख सुरक्षा बातचीत में शामिल हो रहे हैं.

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अरुण जेटली ने जापान दौरे पर निकलने से पहले कहा था कि कुछ व्यवस्थागत दिक्कतों की वजह से उन्हें ही सुरक्षा बातचीत में शामिल होना पड़ेगा. निर्मला देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री होंगी. मनोहर पर्रिकर ने मार्च में गोवा का मुख्यमंत्री बनने के लिए रक्षामंत्री का पद छोड़ दिया था. इसके बाद से जेटली रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे. जेटली के पास 26 मई से 9 नवंबर 2014 के बीच भी रक्षा मंत्रालय का प्रभार था.

जेटली ने कहा, ‘सामान्य रूप से, नए रक्षा मंत्री को जाना चाहिए था लेकिन (व्यवस्थागत कारणों से) इसमें बदलाव करना संभव नहीं लगता. यह दोनों देशों के बीच बहुत महत्वपूर्ण सुरक्षा बातचीत है, विशेषकर यह जापान के प्रधानमंत्री के दौरे से पहले हो रही है.’ 
VIDEO: रक्षामंत्री बनने के बाद एनडीटीवी से खास बातचीत

उन्होंने कहा, ‘मैं दो दिन तक रक्षामंत्री के पद पर बना रहूंगा और इस बैठक में भाग लूंगा. निर्मला बातचीत संपन्न होने के तुरंत बाद मंत्रालय का पदभार संभालेंगी.’  क्योंकि देश में दो रक्षामंत्री नहीं हो सकते हैं, इसलिए वह अभी पदभार ग्रहण नहीं कर सकतीं.

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