भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने GST राजस्व (GST Revenue) की कमी के मामले पर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि सरकार उद्योगपतियों से मिलीभगत, नाकाम नीतियों और कठोर रवैए से अर्थव्यवस्था को बर्बाद करके 'भगवान को कोस रही है.' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sithraman) ने गुरुवार को जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक के बाद पत्रकारों से कहा था कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है, जो कि एक 'दैवीय घटना' है और इससे चालू वित्त वर्ष में इसमें कॉन्ट्रैक्शन आएगा.
सीतारमण के बयान पर सीपीआई के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, 'अगर जरूरी हो तो केंद्र सरकार कर्ज लेकर राज्यों के बकाए का भुगतान करे. राज्य सरकारें कर्ज क्यों लें? क्या इसे सहकारी संघवाद कहते हैं? भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के बाद राज्यों को लूटा जा रहा है. दैवीय कारण बताकर?' उन्होंने कहा, 'उद्योगपतियों से मिलीभगत, अक्षमता और असंवेदनशीलता की वजह से महामारी से काफी पहले ही लोगों की आजीविकाएं और जिंदगियां बर्बाद हो गई थीं. अब भगवान को कोसा जा रहा है.'
केंद्र के आकलन के अनुसार चालू वित्त वर्ष में क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों को 3 लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी. इसमें से 65,000 करोड़ रुपए की भरपाई जीएसटी के अंतर्गत लगाए गए उपकर से प्राप्त राशि से होगी. इसीलिए 2.35 लाख करोड़ रुपये का कुल घाटा रहने का अनुमान है. राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि इसमें से 97,000 करोड़ रुपये जीएसटी की कमी की वजह से जबकि शेष का कारण कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव है.
Video: कोरोना वायरस महामारी से GST राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं