गृह मंत्रालय ने खालिस्तानी समूहों से जुड़े नौ लोगों को आतंकवादी घोषित कर दिया है. एमएचए ने बुधवार को नौ वांछित व्यक्तियों को आतंकी घोषित किया, जिनमें गुरपतवंत सिंह पन्नू, जस्टिस एसएफजे भी शामिल हैं. इन सभी आतंकियों के ख़िलाफ़ UAPA के तहत कार्रवाई की जाएगी. सभी नौ खालिस्तानी आतंकवादी भारत द्वारा वांछित थे. ये सभी भारत के बाहर पाकिस्तान के समर्थन से काम कर रहे थे. उन पर पंजाब में उग्रवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश के साथ-साथ खालिस्तान आंदोलन को समर्थन देने का आरोप लगाया गया है.
अमेरिका में रहने वाला गुरपतवंत सिंह भारत के खिलाफ अभियान चला रहा है और अपने गृह राज्य पंजाब में सिख युवाओं को उग्रवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा है. उसके साथ ही परमजीत सिंह (बब्बर खालसा इंटरनेशनल), हरदीप सिंह निज्जर (खालिस्तान टाइगर फोर्स), गुरमीत सिंह बग्गा (खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स), वधवा सिंह बब्बर (बब्बर खालसा इंटरनेशनल), लखबीर सिंह सहित 8 अन्य को आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है.
एमएचए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा पाकिस्तान को सौंपी गई सूची में भी इनमें से कुछ नाम थे, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी, अब उन्हें आतंकवादी घोषित कर दिया गया है तब अब सरकार उसके संपत्ति को जप्त कर सकती है.
गृह मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार ये लोग सीमा पार से और विदेशी धरती से आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग देश को अस्थिर करने के अपने नापाक कार्यों में लगातार लगे हुए हैं. साथ ही पंजाब में आतंकवाद को फिर से शुरू करने और खालिस्तान आंदोलन को आगे बढ़ाने के कार्य में भी लगे हुए थे.
गौरतलब है कि यह दूसरी बार है जब गृह मंत्रालय ने इस तरह की सूची जारी की है.सितंबर 2019 में, मोदी सरकार ने पाकिस्तान से संबंध रखने वाले 4 व्यक्तियों को मौलाना मसूद अजहर, हाफ़िज़ सईद, ज़की-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी के रूप में नामित किया था.