दिल्ली सरकार के आग्रह पर विचार करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सड़कों पर चलने वाले 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को जब्त करने के अपने आदेश को आज दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, दो हफ्ते तक वाहनों को जब्त नहीं किया जाएगा। हम यह स्पष्ट करते हैं कि हम अपने आदेश में केवल दो हफ्ते के लिए बदलाव कर रहे हैं। इसने दिल्ली सरकार से इस बारे में सलाह देने को भी कहा कि वह बताए कि जो लोग अपने प्रदूषणकारी डीजल वाहनों को दूसरी जगह भेज रहे हैं या खत्म कर रहे हैं, उन्हें क्या प्रोत्साहन राशि दी जानी चाहिए और राजधानी में पंजीकृत होने वाले ऐसे वाहनों की संख्या क्या होनी चाहिए।
हरित पीठ ने पार्किंग शुल्क तर्कसंगत बनाने को भी कहा, जिससे कि लोग अपने वाहन पार्किंग में खड़े करने को प्रोत्साहित हों और सड़कों पर वाहन खड़े न करें।
दिल्ली सरकार की ओर से मामले को अधिवक्ता जुबेदा बेगम ने अधिकरण के समक्ष रखा। उन्होंने पीठ को बताया कि सरकार प्रतिबंध के आदेश को क्रियान्वित करने में असल में बहुत मुश्किल का सामना कर रही है ।
आदेश लागू करने के लिए और समय मांगते हुए उन्होंने तर्क दिया कि आदेश के चलते सब्जी आपूर्ति और कचरा ढोने वाले ट्रक इत्यादि जैसी आवश्यक सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। हरित अधिकरण ने दिल्ली सरकार और अन्य सरकारी विभागों को वैज्ञानिक रूप से समर्थित विचार सुनवाई की अगली तारीख एक मई को रखने को कहा।
दिल्ली में डीजल को प्रदूषण का प्रमुख स्रोत बताते हुए अधिकरण ने 7 अप्रैल को व्यवस्था दी थी कि 10 साल से पुराने सभी डीजल वाहनों को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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