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This Article is From May 25, 2017

NEET 2017 : गुजराती और अंग्रेजी में अलग-अलग प्रश्नपत्र, मामला हाईकोर्ट में पहुंचा

गुजराती माध्यम के परीक्षार्थी अलग-अलग प्रश्नपत्र के मुद्दे को लेकर आंदोलनरत, सीबीएसई विवादों में घिरा

NEET 2017 : गुजराती और अंग्रेजी में अलग-अलग प्रश्नपत्र, मामला हाईकोर्ट में पहुंचा
गुजराती माध्यम में नीट की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों ने प्रश्नपत्रों में अंतर होने के मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
गुजराती का प्रश्नपत्र मुश्किल और अंग्रेजी, हिंदी का सरल
नीट यानी वन नेशन वन एक्जाम तो वन क्वेश्चन पेपर क्यों नहीं
सीबीएसई की तरफ से मामले पर सफाई का इंतजार
अहमदाबाद: तमिलनाडु की तर्ज पर स्थानीय भाषा में अलग प्रश्नपत्र के मुद्दे पर नीट का मुद्दा गुजरात हाईकोर्ट पहुंच गया है. सीबीएसई इस मामले में  विवादों में घिर रही है. गुजराती माध्यम के परीक्षार्थी इस मुद्दे को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

जीत शाह ने मेडिकल कॉलेज में दाखिले का सपना पूरा करने के लिए पूरे साल तैयारी की थी, लेकिन सात मई को नीट की परीक्षा देने के बाद वे अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने गुजराती भाषा में यह परीक्षा दी थी और उन्हें अंग्रेजी माध्यम और हिन्दी माध्यम के बच्चों से अलग प्रश्न पूछे गए थे. उनके मुताबिक उनका प्रश्नपत्र मुश्किल था जबकि अंग्रेजी और हिंदी के प्रश्नपत्र सरल थे.

जीत शाह का कहना है कि जब पूरे देश में एक ही समय में परीक्षा हो रही है तो अलग-अलग प्रश्न क्यों पूछे गए. प्रश्न के क्रम अलग हों तो कोई दिक्कत नहीं लेकिन गुजराती में पूछे गए प्रश्न अंग्रेजी में पूछे गए प्रश्नों से पूरी तरह अलग थे.

इस मुद्दे पर गुजराती मीडियम के छात्रों के माता-पिता आंदोलित हैं. हनीश गांधी की बेटी ने भी नीट की परीक्षा दी थी. हनीश और अन्य कई बच्चों के माता-पिता ने मिलकर गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और गुहार लगाई है कि उनके बच्चों के साथ सीबीएसई ने अन्याय किया है. उनकी मांग है कि या तो नीट फिर से हो या फिर उनके लिए पेरीटी के मापदंड तय किए जाएं. हनीश गांधी का कहना है कि जब नीट का मकसद ही वन नेशन वन एक्जाम था तो वन क्वेश्चन पेपर क्यों नहीं किया गया. इसीलिए तमिलनाडु, पश्चिम  बंगाल और गुजरात में छात्रों ने आंदोलन छेड़े हैं.

इस मुद्दे पर छात्रों के आंदोलन तो चल ही रहे हैं, सारे छात्र हाईकोर्ट पर भी नजरें गड़ाए हैं. हालांकि सीबीएसई की तरफ से इस मामले पर सफाई का भी इंतजार है. दूसरी ओर अंग्रेजी माध्यम के कई छात्रों ने गुजरात हाईकोर्ट में गुहार लगाई है कि उन्हें बिना सुने इस मामले पर कोई फैसला न लिया जाए.

अब नीट के गुजराती भाषा के छात्र बनाम अंग्रेजी भाषा के छात्रों की लड़ाई शुक्रवार से हाईकोर्ट में शुरू होने की संभावना है.

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