मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) का शीतकालीन सत्र कोरोना (Coronavirus) महामारी को जिम्मेदार ठहराते हुए स्थगित करने के मामले में एनडीटीवी ने जो खुलासा किया उसके बाद कांग्रेस (Congress) ने शनिवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. दरअसल 28 दिसंबर से आयोजित होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा के सत्र को सर्वदलीय बैठक में निरस्त करने का फैसला हुआ था. कई अखबारों में खबर आई कि विधानसभा के 34 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हैं. हमारे संवाददाता अनुराग द्वारी जब इस मामले की तह तक गए तो पता लगा कि कोरोना संक्रमित के रूप में दिखाए गए ज्यादातर लोग विधानसभा के कर्मचारी नहीं थे और कई लोगों की आरटी पीसीआर रिपोर्ट अगले दो दिनों में ही निगेटिव आई थी.
शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह और पीसी शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की तरफ से विधानसभा में तीन आईएएस अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया. पूर्व संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि ''गुमराह करके गलत तथ्य पेश कर विधानसभा का सत्र नहीं होने दिया. विधायकों के अधिकारों का हनन हुआ. इसलिए हमने, कमलनाथजी ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है.''
बुधवार को एनडीटीवी इंडिया ने बताया था कि कैसे कोरोना काल में मध्यप्रदेश में उपचुनावों में धुंआधार प्रचार हुआ, सभाएं हुईं, जमकर प्रोटोकॉल को तोड़ा गया, लेकिन इसी कोरोना काल में मध्यप्रदेश की विधानसभा में कामकाज ना के बराबर हुआ. मुन्ने शेख, कालीचरण जैसे कई कर्मचारी ऐसे थे जिनकी रैपिड एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव थी लेकिन दो दिन बाद उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई.
सीपीए के कर्मचारी मुन्ने शेख ने कहा, ''सर गुरुवार का दिन था 24 तारीख को हमारी जांच हुई, मैसेज नहीं आया, कॉल आया हम ड्यूटी आ गए थे. आपको कोरोना है, फिर कंट्रोल रूम से फोन आया. फिर शनिवार को यहीं कराया, सोमवार को शाम आया 4.30 बजे.'' सीपीए के कर्मचारी काली चरण ने कहा कि ''उसमें मुझे बताया था, कोई रिपोर्ट नहीं दी. दवाई वगैरह लिखकर दिया था मोबाइल में. हमने खुद लेकर रख ली. वैसे रखी है, आज तक मुझे तो नहीं लग रहा.''
इस खुलासे का कांग्रेस ने संज्ञान लिया और विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया. पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि ''धन्यवाद एनडीटीवी का जिस तरह बताया, एक तरह से फ्रॉड है. हम चाहेंगे जल्दी एक्शन हो.''
क्या कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में हेरफेर से मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र हुआ निरस्त
हालांकि बीजेपी को इस पर ऐतराज है. बीजेपी नेता राहुल कोठारी ने कहा कि ''कांग्रेस को अपने विधायकों को चिंता ना हो, बीजेपी सबको बिठाकर चर्चा करती है. कमलनाथ जी मौजूद थे. वो कभी भी एक हो जाते हैं, अलग हो जाते हैं. उनकी बातों का सार नहीं है.''
मध्यप्रदेश विधानसभा का अगला सत्र 22 फरवरी से 26 मार्च तक आहूत करने की घोषणा कर दी गई है.
VIDEO: क्यों रद्द हुआ मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र
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