पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ( Punjab Congress Chief Navjot Sidhu) के लिए उनके सलाहकारों के बयानों ने अमरिंदर सिंह के साथ उनके समझौते को खतरे में डाल दिया है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Punjab CM Amarinder Singh) ने इन बयानों को लेकर सलाहकारों को कड़ी फटकार लगाई है. इसके बाद नवजोत सिद्धू ने अपने दोनों सलाहकारों को सोमवार अपने घर पर तलब किया है. पंजाब के मुख्यमंत्री ने संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दों पर इन बयानों को सार्वजनिक तौर पर क्रूर और गलतबयानी वाला बताया है.
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मुख्यमंत्री की चेतावनी के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने दोनों सलाहकारों मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग (Malwinder Singh Mali and Pyare Lal Garg) को पटियाला में अपने घर पर तलब किया है. प्यारे लाल और मालविंदर को 11 अगस्त को सिद्धू ने अपना सलाहकार नियुक्त किया था. पाकिस्तान और कश्मीर (Pakistan and Kashmir) को लेकर दिए उनके बयान सुर्खियों में रहे हैं.
माली ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था, "दोनों भारत और पाकिस्तान कश्मीर पर अवैध कब्जेदार हैं. कश्मीर सिर्फ कश्मीरियों का है. संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के सिद्धांतों के खिलाफ, भारत और पाकिस्तान ने गैरकानूनी तरीके से कश्मीर को हड़प लिया. अगर कश्मीर भारत का हिस्सा था, तो अनुच्छेद 370 और 35ए की जरूरत ही क्यों पड़ी?. राजा हरि सिंह के साथ विशेष प्रावधान क्या था? लोगों को बताइए कि समझौते की शर्तें क्या थीं" एक अन्य पोस्ट में उन्होंने तालिबान के बारे में लिखा, "अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वो सिख और हिन्दुओं की हिफाजत करें. देश के हालात सुधारने के लिए तालिबान अब शासन करेंगे, जो पहले जैसा नहीं होगा."
माली ने जून में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का एक स्केच भी जून में पोस्ट किया था, जिसमें वो मानव अवशेषों के पास खड़ी थीं. उनके हाथ में एक बंदूक थी. इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा था, "हर दमन की हार होती है." यह स्केन 1984 के दंगों से जुड़ा था, जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सैकड़ों की तादाद में सिखों की हत्या की गई थी. इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख सुरक्षागार्डों ने की थी. यह स्केच जून 1989 में पंजाबी मैगजीन जंतक पैगाम के संस्करण में प्रकाशित हुआ था, जिसका संपादन माली करते थे.
प्यारे लाल गर्ग ने पाकिस्तान की आलोचना को लेकर अमरिंदर सिंह पर सवाल उठाए थे. ये भड़काऊ बयान सिद्धू के लिए लिए शर्मिंदगी भरे साबित हो रहे हैं, जो पंजाब कांग्रेस में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हुए हैं. अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव के पहले अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच एक समझौता हुआ है.
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