अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच चल रहा तनाव आज एक बार फिर उजागर हुआ जब मुख्यमंत्री ने विरोधी खेमे को ''संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दों'' पर टिप्पणी नहीं करने की चेतावनी दी. उन्होंने सिद्धू से अपने सलाहकारों पर लगाम लगाने का आग्रह किया, इससे पहले कि वे "भारत के हितों को और नुकसान पहुंचाएं". चार दिनों में यह दूसरी बार था जब मुख्यमंत्री ने सिद्धू के सलाहकारों को जम्मू-कश्मीर पर उनकी टिप्पणियों पर फटकार लगाई.
मुख्यमंत्री ने कहा, "पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने के लिए डटे रहें और संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दों पर न बोलें, जिनके बारे में आपको बहुत कम या कोई जानकारी नहीं है, उनके निहितार्थों के बारे में कोई जानकारी नहीं है."
अमरिंदर सिंह की ये टिप्पणियां प्यारे लाल गर्ग और मलविंदर माली की ओर इशारा कर रही थीं, जिन्हें सिद्धू ने हाल ही में अपना सलाहकार नियुक्त किया है.
माली ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने दावे के साथ सुर्खियां बटोरी थीं कि कश्मीर एक अलग देश था और भारत और पाकिस्तान दोनों ने उसपर अवैध कब्जा किया था. रिपोर्टों में कहा गया है कि प्यारे लाल गर्ग ने अमरिंदर सिंह द्वारा की गई पाकिस्तान की आलोचना पर भी सवाल उठाया था.
माली और गर्ग के बयानों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि वे "पूरी तरह से गलत और पाकिस्तान और कश्मीर पर भारत और कांग्रेस की घोषित स्थिति के विरोधी हैं".
मुख्यमंत्री ने आज कहा, "कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग था और है." उन्होंने माली फटकार लगाते हुए उनके कश्मीर वाले बयान पर कहा, "यह पूरी तरह से राष्ट्र विरोधी है." मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू के सलाहकार जमीनी हकीकत से बिल्कुल अलग हैं.
इससे पहले अमरिंदर सिंह ने कहा था, "आदमी (सिद्धू) को समझना चाहिए कि हमारे सैनिक हर दिन मारे जा रहे हैं. मेरी अपनी रेजिमेंट ने कुछ महीने पहले एक मेजर और दो जवानों को खो दिया था." सिद्धू ने दावा किया था कि वह अपनी खुशी व्यक्त कर रहे थे जब बाजवा ने उन्हें बताया कि पाकिस्तान सरकार भारत से सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए काम कर रही है.
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