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1985 बैच के IPS मोहम्मद मुस्तफा: कभी कैप्टन अमरिंदर के करीबी, अब कांग्रेस में सक्रिय नेता

मुस्तफा की पुत्रवधू को करीब 4 साल पहले को पंजाब वक्फ बोर्ड का चेयरपर्सन बनाया गया था. ये नियुक्ति काफी सुर्खियों में रही थी. उस वक्त पंजाब वक्फ बोर्ड के चेयरपर्सन का पद एक महीने से खाली थी. उनकी नियुक्ति शनिवार यानी छुट्टी वाले दिन हुई थी.

1985 बैच के IPS मोहम्मद मुस्तफा: कभी कैप्टन अमरिंदर के करीबी, अब कांग्रेस में सक्रिय नेता
  • मोहम्मद मुस्तफा 1985 बैच के IPS अधिकारी हैं और सहारनपुर के मूल निवासी हैं जो कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी थे
  • मुस्तफा को पंजाब पुलिस का DGP नहीं बनाए जाने पर उन्होंने SC में याचिका दायर की थी लेकिन यह खारिज हो गई थी
  • कैप्टन सिंह के CM पद से हटने के बाद मुस्तफा कांग्रेस में सक्रिय हुए और नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार रहे
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मोहम्मद मुस्तफा 1985 बैच के IPS अधिकारी हैं. मुस्तफा, मूल रूप से सहारनपुर के रहने वाले हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबियों में उनकी गिनती होती थी लेकिन डीजीपी नहीं बनाए जाने से मुस्तफा नाराज हो गए थे. इसको लेकर मुस्तफा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद 2021 में वह अपने पद से रिटायर हो गए थे. 

कैप्टन अमरिंदर की सीएम कुर्सी के जाने के बाद वह कांग्रेस में सक्रिय हुए. मुस्तफा ने खुलकर कैप्टन के खिलाफ बयानबाजी की. इसके बाद वो नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार भी रहे और अब वह कांग्रेस नेता के तौर पर सियासत में हैं. मुस्तफा की पत्नी रजिया ने 2000 में सियासी एंट्री की थी. वह 2002 और 2007 में लगातार दो बार विधायक चुनी गई थीं. कांग्रेस सरकार में रजिया कैबिनेट मंत्री भी रहीं. 

हालांकि, 2012 में वह चुनाव हारी थीं लेकिन 2017 में वह फिर से मंत्री बनीं थीं. चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में भी वो मंत्री बनी थीं. इसी बीच चन्नी से नाराज होकर सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस की प्रधानगी पद से इस्तीफा दे दिया. इसके समर्थन में रजिया ने भी मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया था. मगर, बाद में एक कैबिनेट मीटिंग में शामिल होकर उन्होंने इसे वापस ले लिया. 2022 के चुनाव में वह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से चुनाव हार गईं थी. 

पुत्रवधू रह चुकीं पंजाब वक्फ बोर्ड का चेयरपर्सन
मुस्तफा की पुत्रवधू को करीब 4 साल पहले को पंजाब वक्फ बोर्ड का चेयरपर्सन बनाया गया था. ये नियुक्ति काफी सुर्खियों में रही थी. उस वक्त पंजाब वक्फ बोर्ड के चेयरपर्सन का पद एक महीने से खाली थी. उनकी नियुक्ति शनिवार यानी छुट्टी वाले दिन हुई थी. जिले के हरडा गांव के रहने वाले हैं. इस दौरान मोहम्मद मुस्तफा भी हाथ सिर पर रखे हुए नजर आ रहे हैं.

कांग्रेस ने साल 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाया तो मुस्तफा कांग्रेस में सक्रिय हो गए. उन्होंने खुलकर कैप्टन के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी. इस दौरान वह नवजोत सिद्धू के सलाहकार भी रहे. अब भी वह कांग्रेस नेता के तौर पर राजनीति कर रहे हैं.

जिस मुस्तफा फैमिली पर FIR हुई, उनके बारे में जानिए

1985 बैच के IPS, कैप्टन अमरिंदर के करीबी रहे हैं मुस्तफा. मोहम्मद मुस्तफा 1985 बैच के IPS रहे. पंजाब में कांग्रेस सरकार के वक्त मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबियों में मुस्तफा की गिनती होती थी. हालांकि जब कैप्टन ने मुस्तफा को पंजाब पुलिस का DGP नहीं बनाया तो उनके रिश्ते बिगड़ गए. कैप्टन ने जब दिनकर गुप्ता को DGP बना दिया तो सिनियरिटी का हवाला देकर मुस्तफा सुप्रीम कोर्ट तक गए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.

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