पश्चिम बंगाल का सियासी तापमान एक बार फिर बढ़ गया है. पश्चिम बंगाल के मंत्री फरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी को नारद स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े मामले में सोमवार को कोलकाता में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले अपने मंत्रियों और विधायक के CBI दफ़्तर लाये जाने पर खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीबीआई के कार्यालय पहुंची थीं. प्राप्त जानकरी के अनुसार ममता बनर्जी अपने वकील के साथ CBI के दफ्तर पहुंची थी, उनके वकील ने बताया कि मुख्यमंत्री ने CBI के अधिकारियों से कहा कि मुझे भी गिरफ्तार किया जाए. बताते चलें कि नारद स्टिंग मामले में जांच के तहत आज सुबह तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों और एक विधायक के अलावा पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी को भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निजाम पैलेस स्थित कार्यालय ले जाया गया था. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय बलों के साथ सीबीआई की एक टीम सोमवार सुबह हाकिम के चेतला आवास पर पहुंची और उन्हें जांच एजेंसी के कार्यालय ले गयी.
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West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee arrives at the CBI office pic.twitter.com/FM2B1zaeWL
— ANI (@ANI) May 17, 2021
राज्य के परिवहन और आवास मंत्री हाकिम ने दावा किया, ‘‘सीबीआई ने नारद मामले में मुझे गिरफ्तार किया है. हम अदालत में इस मामले को ले जाएंगे.'' बताते चलें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के एक अनुरोध पर फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी खिलाफ मामला चलाने की मंजूरी दी है. हकीम उस समय मंत्री थे जब कथित नारदा स्टिंग टेप सामने आया था.
West Bengal: Minister Firhad Hakim arrives at the CBI office in connection with Narada Scam. pic.twitter.com/tcyVDdIeUT
— ANI (@ANI) May 17, 2021
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में फिरहाद हकीम के अलावा सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी का नाम भी शामिल है. ये चारों 2014 में तब ममता बनर्जी कैबिनेट में मंत्री थे जब टेप कथित तौर पर बनाए गए थे. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में हकीम, मुखर्जी और मित्रा तृणमूल कांग्रेस के फिर से विधायक चुने गए हैं, जबकि भाजपा में शामिल होने के लिए टीएमसी छोड़ चुके चटर्जी ने दोनों पार्टियों के साथ संबंध तोड़ लिए हैं.
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गौरतलब है कि नारद स्टिंग टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले सार्वजनिक किए गए थे. दावा किया गया था कि इन्हें 2014 में बनाया गया था और इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कथित रूप से वादा किए गए अनुग्रहों के बदले में एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से रुपये लेते हुए दिखाया गया था. स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारद न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल द्वारा किया गया था. कलकत्ता हाईकोर्ट ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
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