गुरुग्राम में अब नमाज सावर्जनिक जगहों पर नहीं होगी, उपायुक्त ने बैठक के बाद किया ऐलान

गुरुग्राम में हिंदू मुस्लिम संगठनों और पुलिस प्रशासन के साथ बैठक में तय हुआ कि अब सार्वजनिक जगहों पर नमाज़नहीं होगी. जुमे की नमाज़ 12 मस्जिदों में होगी. छह सार्वजनिक जगहों पर नमाज़ पढ़ने के लिए किराया देना होगा.

गुरुग्राम में अब नमाज सावर्जनिक जगहों पर नहीं होगी, उपायुक्त ने बैठक के बाद किया ऐलान

गुरुग्राम में खुले में नमाज को लेकर कई बार हुआ है विवाद (फाइल फोटो)

गुरुग्राम:

गुरुग्राम में अब सार्वजनिक जगहों पर नमाज (Gurugram Namaz Issue) नहीं होगी. गुरुग्राम उपायुक्त ने सोमवार को कहा कि मुस्लिम और हिंदुओं की बैठक बुलाई गई, जिसमें कई फैसले लिए गए. अब नमाज़ का विरोध नहीं होगा. इसमें तय हुआ कि अब सार्वजनिक जगहों पर नमाज़नहीं होगी. जुमे की नमाज़ 12 मस्जिदों में होगी. छह सार्वजनिक जगहों पर नमाज़ पढ़ने के लिए किराया देना होगा. वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीन उपलब्ध होते ही 6 जगहों पर नमाज़ बंद कर दी जाएगी. गुरुग्राम में पिछले तीन महीने से चल रहा खुले में नमाज का विवाद अब थमता नजर आ रहा है.

अब दोनों पक्षों ने गुरुग्राम के जिला उपायुक्त और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर आपसी सहमति बनाई है कि विवाद वाले स्थान जैसे कि सेक्टर-37 , सेक्टर-47 और सरहौल गांव में नमाज अता नहीं की जाएगी. जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक में अब कुल 18 स्थानों पर आपसी सहमति बन गई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन चुका खुले में नमाज का विवाद अब थमता नजर आ रहा है और इसी को लेकर गुरुग्राम के जिला उपायुक्त डॉ. यश गर्ग पुलिस अधिकारियों के साथ संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के सदस्य, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सदस्य इमाम संगठन के अनेक मौलवियों ने बैठक कर आपसी सहमति से कुल 18 स्थानों पर नमाज अता कराने की सहमति बनाई है.

इनमें से 12 स्थान मुस्लिम समुदाय की मस्जिद या ईदगाह हैं. जबकि छह स्थान जिला प्रशासन द्वारा अस्थायी तौर पर मामूली रखरखाव के खर्च भुगतान के साथ उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके साथ ही एक और भी शर्त रखी गई है कि गुरुग्राम के 19 वक्फ बोर्ड के ऐसे स्थान भी हैं जो कि लीज पर दिए गए हैं या उन पर कब्जा हैं, उन्हें जिला प्रशासन जैसे ही खाली कराकर मुस्लिम समुदाय को सौंपेगा, वैसे-वैसे जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए छह स्थानों पर नमाज अता करना बंद होता जाएगा. 

मुस्लिम समुदाय ने भी जिला प्रशासन व संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ बनी इस सहमति पर संतोष जताया. यह भी माना कि कुछ लोग इस तरह की अफवाहें फैला रहे थे कि गुरुग्राम में नमाज का विरोध होता है वो बिलकुल गलत है. मुस्लिम समुदाय को कभी भी नमाज अता करने के लिए नहीं रोका गया.

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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक खुर्शीद राजाका ने यह भी माना कि विवाद सिर्फ तरिके का था जो अब नहीं होगा.पिछले काफी समय से दोनों समुदायों के बीच जो गहरी खाई बनती जा रही थी वो अब फिर से पटती नजर आ रही है जिसका फायदा गुरुग्राम की छवि ही नहीं बल्कि देश की छवि बेहतर होने की ओर अग्रसर होगा.