''अपने ही लोगों को नहीं मार सकते'' : हिंसा के बीच भागकर भारत पहुंचे म्‍यांमार के सैनिक और पुलिसकर्मी

हिंसा के चलते 300 से अधिक म्‍यांमारी नागरिकोंने स्‍थानीय लोगों की मदद से सीमा पार करके मिजोरम में प्रवेश किया.

''अपने ही लोगों को नहीं मार सकते'' : हिंसा के बीच भागकर भारत पहुंचे म्‍यांमार के सैनिक और पुलिसकर्मी

अवैध तरीके से भारत आया म्‍यांमार का एक सैनिक (AFP फोटो)

खास बातें

  • म्‍यांमार में इस साल फरवरी में हुआ था तख्‍तापलट
  • उसके बाद से यहां हिंसा में 180 लोगों की हो चुकी मौत
  • वहां के करीब 300 सैनिक भागकर आ गए हैं मिजोरम
आइजॉल (भारत):

म्‍यांमार के सैनिक क्‍या ने हिंसा के उन क्षणों को याद किया जब उन्‍हें मुल्‍क में तख्‍तापलट के बाद अपने ही समुदाय के लोगों पर हथियारों का इस्‍तेमाल करने को कहा गया. ऐसे में उन्‍होंने भारत 'भागने' में ही भलाई समझी. क्‍या, जिनका नाम उनकी पहचान छुपाने के लिए बदला गया है, म्‍यांमार (Myanmar) के उन 40 लोगों में शामिल है जिनसे AFP ने भारत के पूर्वोत्‍तर के राज्‍य मिजोरम के अज्ञात स्‍थान पर मुलाकात की. इन 40 लोगों में से ज्‍यादातर पुलिस अधिकारी है. असिस्‍टेंस एसोसिएशन फॉर पॉ‍लिटिकल प्रिजनर्स मॉनिटरिंग ग्रुप के अनुसार, म्‍यांमार में 1 फरवरी को हुए तख्‍तापलट (coup in Myanmar) के बाद से अब तक 180 लोगों की मौत हो चुकी है. म्‍यांमार में लोकतंत्र के समर्थन में निकाली गई रैलियों के खिलाफ जुंटा शासन ने निर्दयतापूर्वक कार्रवाई की  इस दौरान कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है.

अमेरिका की चेतावनी के बीच म्‍यांमार के सेना प्रमुख लेंग की सफाई, 'तख्‍तापलट जरूरी हो गया था'   

हिंसा के चलते 300 से अधिक म्‍यांमारी नागरिकों, जिनमें पुलिस अधिकारियों, सेना के अधिकारियों और उनके परिजनों की तादाद ज्‍यादा है, ने स्‍थानीय लोगों की मदद से सीमा पार करके मिजोरम में प्रवेश किया. 24 साल के राइफलमैन क्‍या बताते हैं कि उन्‍होंने करीब चार साल सेना को सेवाएं दीं. उन्‍होंने AFP को बताया कि सेना उन्‍हें निर्दोष लोगों का मारने का आदेश दे रही थी जो मेरे खुद के माता-पिता के जैसे हैं.

म्‍यांमार की 'आयरन लेडी' सू की: पिता की कर दी गई थी हत्‍या, जेल में गुजार चुकी हैं कई साल..

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन्‍होंने कहा, आखिरकार मुझे अपने ही लोगों को क्‍यों मारना चाहिए? उन्‍होंने कहा कि मोटरसाइकिल और पैदल उन्‍हें मिजोरम पहुंचने में चार दिन लगे. भारत पहुंचने के बाद उन्‍होंने म्‍यांमार में अपने घर फोन लगाया, दो बच्‍चों के पिता क्‍या ने  कहा कि उनके घर की तलाशी ली गई और उनके पिता को अरेस्‍ट कर लिया गया है. एक अन्‍य सैनिक ने बातचीत में कहा कि उसे म्‍यांमार में अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता सता रही है. 21 वर्ष के इस युवक ने कहा, 'मेरे दोस्‍तों ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाईं. मुझे भी प्रदर्श‍नकारियों पर गोली चलाने उन्‍हें मारने को कहा गया लेकिन मैं अपने लोगों को नहीं मार सकता, इसलिए मैं रात में वहां से भाग आया.'



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)