म्यांमार सेना (Myanmar military) ने देश की लोकतांत्रिक नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) गिरफ्तारी के बाद देश में एक साल कीइमरजेंसी की घोषणा की है. न्यूज एजेंसी AFP ने टीवी रिपोर्ट्स के हवाले से यह जानकारी दी है. गौरतलब है कि म्यांमार की सबसे बड़ी नेता सूकी और सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं को हिरासत में लिए जाने की खबर आ रही है. कई रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है. म्यांमार में पिछले कुछ समय से सरकार और सेना के बीच तनाव की खबरों के मध्य यह कदम उठाया गया है. म्यांमार में तख्तापलट पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को चोट पहुंचाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की धमकी दी है.
एमनेस्टी ने आंग सान सू ची से सर्वोच्च सम्मान वापस लिया
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'अमेरिका को उन रिपोर्ट्स को लेकर चिंता है जिसमें बर्मा (म्यांमार) की सेना की ओर सेआंग सान सू की और अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दमन के कदम उठाए गए हैं. नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर जेकसुलिवान ने स्थिति के बारे में राष्ट्रपति बाइडेन को ब्रीफ किया है. हम बर्मा (म्यांमार) के लोकतांत्रिक संस्थानों के प्रति पूरा समर्थन जारी रखेंगे.म्यांमार की सेना और अन्य पार्टियों से लोकतांत्रिक नियमों और कानून व्यवस्था का पालन करने की अपील करते हैं.' हम आज हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने की अपील करते हैं. अमेरिका हाल में हुए चुनाव के परिणामों को किसी भी तरह से 'बदलने' की कोशिश का विरोध करता है. यदि इन कदमों को वापस न लिया गया इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. हम स्थिति पर नजर जमाए हुए हैं और बर्मा (म्यांमार) के उन लोगों के साथ खड़े हैं जिन्होंने लोकतंत्र और शांति के लिए लंबा संघर्ष किया है.
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