Myanmar Crisis
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मिजोरम में जोरामथंगा में फिर से जीतने के भरोसे के पीछे मणिपुर संकट?
- Saturday November 4, 2023
- Reported by: रतनदीप चौधरी, Edited by: सूर्यकांत पाठक
Mizoram Assembly Election 2023: जब भी मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा (Zoramthanga) अपनी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के लिए नुक्कड़ सभाएं करते हैं, तो वे पड़ोसी राज्य मणिपुर में जातीय अशांति का जिक्र जरूर करते हैं. 79 साल के जोरामथंगा राज्य की राजधानी आइजोल के बाहरी इलाके सिहफिर गांव में बैठकें करते रहे हैं. यह क्षेत्र उनके आइजोल पूर्व-1 निर्वाचन क्षेत्र के तहत आता है.
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यूपी ATS और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, अलीगढ़ में अवैध रूप से रहे 17 रोहिंग्या गिरफ्तार
- Tuesday July 25, 2023
- Reported by: सौरभ शुक्ला, Edited by: अनिशा कुमारी
रोहिंग्याओं को लेकर कई दिन से चल रही जांच पड़ताल के बाद पुलिस व एटीएस की स्थानीय यूनिट ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की और गिरफ्तारी के बाद सभी को जेल भेज दिया.
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Explainer : भारत में कहां से आए रोहिंग्या? अंग्रेजों के समय के भारत से क्या है संबंध?
- Thursday August 18, 2022
- Reported by: वर्तिका
रोहिंग्या (Rohingya) म्यांमार (Myanmar) से 1970 के दशक से ही पड़ोसी देशों में शरणार्थी बन कर पहुंचते रहे. रोहिंग्या शरणार्थियों का कहना था कि म्यांमार के सुरक्षा बलों ने उनपर पर बलात्कार, हत्या, आगजनी जैसे अत्याचार किए. अधिकार समूहों को संदेह है कि म्यांमार सरकार ने रोहिंग्याओं का नरसंहार (Genocide) किया लेकिन म्यांमार सरकार इससे इंकार करती है.
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मणिपुर सरकार ने म्यांमार से आ रहे शरणार्थियों को रोकने के लिए दिया आदेश वापस लिया
- Tuesday March 30, 2021
- Reported by: नीता शर्मा
मणिपुर सरकार (Manipur government) ने अपने उस पुराने आदेश को वापस ले लिया है जिसमें स्थानीय प्रशासन को म्यामांर (Myanmar) में तख्ता पलट के कारण अशांति के हालात के चलते भारत की सीमा में प्रवेश करने वाले इस देश के नागरिकों को खाद्य पदार्थ और आश्रय नहीं देने की बात कही गई थी.
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''अपने ही लोगों को नहीं मार सकते'' : हिंसा के बीच भागकर भारत पहुंचे म्यांमार के सैनिक और पुलिसकर्मी
- Tuesday March 16, 2021
- Reported by: एएफपी
म्यांमार में 1 फरवरी को हुए तख्तापलट (coup in Myanmar) के बाद से अब तक 180 लोगों की मौत हो चुकी है. म्यांमार में लोकतंत्र के समर्थन में निकाली गई रैलियों के खिलाफ जुंटा शासन ने निर्दयतापूर्वक कार्रवाई की और इस दौरान कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है.
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Flashback 2018: दुनिया भर में अपनी जमीन से जुदा होने को मजबूर हुई बड़ी आबादी
- Friday December 28, 2018
- Written by: सूर्यकांत पाठक
साल 2018 में पलायन (Migration) दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी समस्या बना रहा. कहीं युद्ध की विभीषिका ने लोगों को घर-बार छोड़कर भागने पर मजबूर किया तो कहीं प्राकृतिक विभीषिकाओं ने लोगों से उनका घर-द्वार छीन लिया. कहीं राजनीतिक कारणों से लोगों को नया आसरा तलाशना पड़ा तो कहीं विकास के नाम पर लोगों को अपनी पैतृक भूमि से जुदा होना पड़ा. यह समस्याएं दुनिया के कई देशों में अलग-अलग रूपों में सामने आईं.
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यूएन बांग्लादेश में रोहिंग्या संकट समाप्त करने के लिए करेगा कड़ी मेहनत
- Monday April 30, 2018
- Reported by: AP
बांग्लादेश का दौरा कर रहे संयुक्त राष्ट्र के एक दल ने पड़ोसी देश म्यांमार में सेना नीत हिंसा से बचने के लिए भागकर इस देश में आ गए हजारों रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़े संकट के हल के लिए कड़ी मेहनत करने का आज वादा किया.
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रोहिंग्या के दर्द की हकीकत को जानने म्यांमार, बांग्लादेश जाएगा संयुक्त राष्ट्र परिषद का प्रतिनिधि मंडल
- Friday April 27, 2018
- भाषा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिनिधि मंडल म्यामां की सेना के क्रूर अभियान के कारण देश छोड़कर बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या मुस्लमानों और रखाइन प्रांत में पीछे रह गए लोगों की व्यथा जानने के लिए दोनों देशों के दौरे पर रवाना होंगे.
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रोहिंग्याओं को वापस लेने को तैयार है म्यांमार
- Friday February 16, 2018
- भाषा
बांग्लादेश के दौरे पर आए म्यांमार के एक मंत्री ने देश के राष्ट्रपति से कहा है कि उनका देश रोहिंग्या मुसलमानों को वापस लेने को तैयार है. म्यांमार में हिंसा के बाद रोहिंग्या वहां से जान बचाकर भाग आए थे. यह जानकारी बांग्लादेश के एक अधिकारी ने दी. राष्ट्रपति के प्रवक्ता जैनुल आबदीन ने शुक्रवार को कहा कि म्यांमा के गृह मंत्री क्याव स्वे ने राष्ट्रपति अब्दुल हामिद से यहां कहा कि वह देशों के बीच पिछले साल हुए समझौते के तहत रोहिंग्या को वापस लेने को तैयार हैं.
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आंग सान सू ची ने रोहिंग्या संकट पर चुप्पी साधे रहने का आरोप खारिज किया
- Wednesday November 15, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
रोहिंग्या समुदाय पर म्यांमार की सेना के कथित जुल्मों को लेकर विश्व भर में आलोचना झेल चुकीं म्यांमार की नेता आंग सान सू ची ने रोहिंग्या संकट पर चुप्पी साधे रहने के आरोपों को खारिज कर दिया है. सू ची ने आज कहा कि उन्होंने इस तरह से अपनी बात रखी है जिससे कि तनाव नहीं भड़केगा.
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‘विस्थापितों’ की वापसी से म्यांमार में सामान्य स्थिति बहाल हो सकती है : सुषमा स्वराज
- Monday October 23, 2017
- भाषा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गहराते रोहिंग्या संकट के बीच रविवार को कहा कि भारत म्यांमार के रखाइन प्रांत में बेतहाशा हिंसा पर ‘बहुत चिंतित’ है और म्यांमार में विस्थापित लोगों की वापसी से ही सामान्य स्थिति बहाल हो सकती है.
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रोहिंग्या समुदाय की त्रासदी : कैसा लगेगा, यदि आपके पैरों तले से जमीन खींच ली जाए?
- Monday September 18, 2017
- सूर्यकांत पाठक
क्या अभागे रोहिंग्या मुसलमानों को कोई ऐसा टापू मिल पाएगा जहां बाढ़ न आती हो, जहां वे इंसानों की तरह जी सकें, जहां फिर कोई उनके घर न जला सके, हैलिकॉप्टरों से हमले करके उनका संहार न कर सके, जहां उनको उनके जीने के अधिकार से वंचित न किया जा सकता हो, जहां उनकी अपनी पहचान हो, अपनी जमीन हो और भविष्य भी हो?
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मिजोरम में जोरामथंगा में फिर से जीतने के भरोसे के पीछे मणिपुर संकट?
- Saturday November 4, 2023
- Reported by: रतनदीप चौधरी, Edited by: सूर्यकांत पाठक
Mizoram Assembly Election 2023: जब भी मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा (Zoramthanga) अपनी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के लिए नुक्कड़ सभाएं करते हैं, तो वे पड़ोसी राज्य मणिपुर में जातीय अशांति का जिक्र जरूर करते हैं. 79 साल के जोरामथंगा राज्य की राजधानी आइजोल के बाहरी इलाके सिहफिर गांव में बैठकें करते रहे हैं. यह क्षेत्र उनके आइजोल पूर्व-1 निर्वाचन क्षेत्र के तहत आता है.
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यूपी ATS और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, अलीगढ़ में अवैध रूप से रहे 17 रोहिंग्या गिरफ्तार
- Tuesday July 25, 2023
- Reported by: सौरभ शुक्ला, Edited by: अनिशा कुमारी
रोहिंग्याओं को लेकर कई दिन से चल रही जांच पड़ताल के बाद पुलिस व एटीएस की स्थानीय यूनिट ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की और गिरफ्तारी के बाद सभी को जेल भेज दिया.
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Explainer : भारत में कहां से आए रोहिंग्या? अंग्रेजों के समय के भारत से क्या है संबंध?
- Thursday August 18, 2022
- Reported by: वर्तिका
रोहिंग्या (Rohingya) म्यांमार (Myanmar) से 1970 के दशक से ही पड़ोसी देशों में शरणार्थी बन कर पहुंचते रहे. रोहिंग्या शरणार्थियों का कहना था कि म्यांमार के सुरक्षा बलों ने उनपर पर बलात्कार, हत्या, आगजनी जैसे अत्याचार किए. अधिकार समूहों को संदेह है कि म्यांमार सरकार ने रोहिंग्याओं का नरसंहार (Genocide) किया लेकिन म्यांमार सरकार इससे इंकार करती है.
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मणिपुर सरकार ने म्यांमार से आ रहे शरणार्थियों को रोकने के लिए दिया आदेश वापस लिया
- Tuesday March 30, 2021
- Reported by: नीता शर्मा
मणिपुर सरकार (Manipur government) ने अपने उस पुराने आदेश को वापस ले लिया है जिसमें स्थानीय प्रशासन को म्यामांर (Myanmar) में तख्ता पलट के कारण अशांति के हालात के चलते भारत की सीमा में प्रवेश करने वाले इस देश के नागरिकों को खाद्य पदार्थ और आश्रय नहीं देने की बात कही गई थी.
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''अपने ही लोगों को नहीं मार सकते'' : हिंसा के बीच भागकर भारत पहुंचे म्यांमार के सैनिक और पुलिसकर्मी
- Tuesday March 16, 2021
- Reported by: एएफपी
म्यांमार में 1 फरवरी को हुए तख्तापलट (coup in Myanmar) के बाद से अब तक 180 लोगों की मौत हो चुकी है. म्यांमार में लोकतंत्र के समर्थन में निकाली गई रैलियों के खिलाफ जुंटा शासन ने निर्दयतापूर्वक कार्रवाई की और इस दौरान कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है.
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Flashback 2018: दुनिया भर में अपनी जमीन से जुदा होने को मजबूर हुई बड़ी आबादी
- Friday December 28, 2018
- Written by: सूर्यकांत पाठक
साल 2018 में पलायन (Migration) दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी समस्या बना रहा. कहीं युद्ध की विभीषिका ने लोगों को घर-बार छोड़कर भागने पर मजबूर किया तो कहीं प्राकृतिक विभीषिकाओं ने लोगों से उनका घर-द्वार छीन लिया. कहीं राजनीतिक कारणों से लोगों को नया आसरा तलाशना पड़ा तो कहीं विकास के नाम पर लोगों को अपनी पैतृक भूमि से जुदा होना पड़ा. यह समस्याएं दुनिया के कई देशों में अलग-अलग रूपों में सामने आईं.
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यूएन बांग्लादेश में रोहिंग्या संकट समाप्त करने के लिए करेगा कड़ी मेहनत
- Monday April 30, 2018
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बांग्लादेश का दौरा कर रहे संयुक्त राष्ट्र के एक दल ने पड़ोसी देश म्यांमार में सेना नीत हिंसा से बचने के लिए भागकर इस देश में आ गए हजारों रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़े संकट के हल के लिए कड़ी मेहनत करने का आज वादा किया.
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रोहिंग्या के दर्द की हकीकत को जानने म्यांमार, बांग्लादेश जाएगा संयुक्त राष्ट्र परिषद का प्रतिनिधि मंडल
- Friday April 27, 2018
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिनिधि मंडल म्यामां की सेना के क्रूर अभियान के कारण देश छोड़कर बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या मुस्लमानों और रखाइन प्रांत में पीछे रह गए लोगों की व्यथा जानने के लिए दोनों देशों के दौरे पर रवाना होंगे.
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रोहिंग्याओं को वापस लेने को तैयार है म्यांमार
- Friday February 16, 2018
- भाषा
बांग्लादेश के दौरे पर आए म्यांमार के एक मंत्री ने देश के राष्ट्रपति से कहा है कि उनका देश रोहिंग्या मुसलमानों को वापस लेने को तैयार है. म्यांमार में हिंसा के बाद रोहिंग्या वहां से जान बचाकर भाग आए थे. यह जानकारी बांग्लादेश के एक अधिकारी ने दी. राष्ट्रपति के प्रवक्ता जैनुल आबदीन ने शुक्रवार को कहा कि म्यांमा के गृह मंत्री क्याव स्वे ने राष्ट्रपति अब्दुल हामिद से यहां कहा कि वह देशों के बीच पिछले साल हुए समझौते के तहत रोहिंग्या को वापस लेने को तैयार हैं.
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आंग सान सू ची ने रोहिंग्या संकट पर चुप्पी साधे रहने का आरोप खारिज किया
- Wednesday November 15, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
रोहिंग्या समुदाय पर म्यांमार की सेना के कथित जुल्मों को लेकर विश्व भर में आलोचना झेल चुकीं म्यांमार की नेता आंग सान सू ची ने रोहिंग्या संकट पर चुप्पी साधे रहने के आरोपों को खारिज कर दिया है. सू ची ने आज कहा कि उन्होंने इस तरह से अपनी बात रखी है जिससे कि तनाव नहीं भड़केगा.
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‘विस्थापितों’ की वापसी से म्यांमार में सामान्य स्थिति बहाल हो सकती है : सुषमा स्वराज
- Monday October 23, 2017
- भाषा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गहराते रोहिंग्या संकट के बीच रविवार को कहा कि भारत म्यांमार के रखाइन प्रांत में बेतहाशा हिंसा पर ‘बहुत चिंतित’ है और म्यांमार में विस्थापित लोगों की वापसी से ही सामान्य स्थिति बहाल हो सकती है.
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रोहिंग्या समुदाय की त्रासदी : कैसा लगेगा, यदि आपके पैरों तले से जमीन खींच ली जाए?
- Monday September 18, 2017
- सूर्यकांत पाठक
क्या अभागे रोहिंग्या मुसलमानों को कोई ऐसा टापू मिल पाएगा जहां बाढ़ न आती हो, जहां वे इंसानों की तरह जी सकें, जहां फिर कोई उनके घर न जला सके, हैलिकॉप्टरों से हमले करके उनका संहार न कर सके, जहां उनको उनके जीने के अधिकार से वंचित न किया जा सकता हो, जहां उनकी अपनी पहचान हो, अपनी जमीन हो और भविष्य भी हो?
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