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This Article is From Feb 28, 2021

मेरा सपना भारत और पाकिस्तान को ‘अच्छे दोस्त’ बनते देखना है: मलाला यूसुफजई

मलाला ने कहा- अल्पसंख्यकों को हर देश में सुरक्षा की आवश्यकता है, चाहे वह पाकिस्तान हो या भारत, यह मुद्दा धर्म से नहीं बल्कि अधिकारों के हनन से जुड़ा हुआ है

मेरा सपना भारत और पाकिस्तान को ‘अच्छे दोस्त’ बनते देखना है: मलाला यूसुफजई
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने रविवार को कहा कि भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) को ‘‘अच्छे दोस्त'' बनते देखना उनका सपना है. उन्होंने कहा कि लोगों को सीमाओं के अंदर रखने की नीति अब काम नहीं करती हैं और भारत तथा पाकिस्तान के लोग शांति से रहना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों को हर देश में सुरक्षा की आवश्यकता है, चाहे वह पाकिस्तान हो या भारत, यह मुद्दा धर्म से नहीं जुड़ा हुआ है, बल्कि अधिकारों के हनन से जुड़ा हुआ है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए.

बालिका शिक्षा की हिमायत करने वाली पाकिस्तानी कार्यकर्ता यूसुफजई को अक्टूबर 2012 में तालिबान के आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी, लेकिन वह बच गई थी, जो किसी चमत्कार से कम नहीं था. यूसुफजई ने कहा कि इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाया जाना और भारत में ‘‘शांतिपूर्ण तरीके से विरोध'' करने वाले कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की खबर ‘‘चिंताजनक'' है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार लोगों की मांगों पर ध्यान देना सुनिश्चित करेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान को अच्छे दोस्त बनते देखना मेरा सपना है, ताकि हम एक-दूसरे के देशों में जा सकें. आप पाकिस्तानी नाटक देखना जारी रख सकते हैं, हम बॉलीवुड फिल्में देखना और क्रिकेट मैचों का आनंद लेना जारी रख सकते हैं.''

वह जयपुर साहित्य महोत्सव (जेएलएफ) के समापन दिवस पर अपनी किताब ‘‘आई एम मलाला: द स्टोरी ऑफ द गर्ल हू स्टूड अप फॉर एजुकेशन एंड शॉट बाई द तालिबान'' के संबंध में अपने विचार रख रही थीं. यह महोत्सव डिजिटल तरीके से आयोजित किया गया.

उन्होंने कहा, ‘‘आप भारतीय हैं और मैं पाकिस्तानी हूं और हम पूरी तरह से ठीक हैं, फिर हमारे बीच यह नफरत क्यों पैदा हुई है? सीमाओं, विभाजनों तथा फूट डालो और राज करो की पुरानी नीति... ये अब काम नहीं करती है, क्योंकि हम सभी शांति से रहना चाहते हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के असली दुश्मन ‘‘गरीबी, भेदभाव और असमानता'' है तथा दोनों देशों को एकजुट होना चाहिए और इसका मुकाबला करना चाहिए, न कि एक-दूसरे से लड़ना चाहिए.''

‘‘भारत-पाकिस्तान दोस्ती'' के अलावा, यूसुफजई ने कहा कि वह उस दिन का भी इंतजार कर रही है, जब हर लड़की को स्कूल जाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिले.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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