यह ख़बर 09 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मुजफ्फरनगर हिंसा से चिंतित मुलायम ने दी अधिकारियों को ताकीद

खास बातें

  • मुजफ्फरनगर में साम्प्रदायिक हिंसा से चिंतित सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने रविवार को सीएम अखिलेश यादव सहित पार्टी विधायकों तथा वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की और स्थिति को जल्द से जल्द काबू में करने की सख्त ताकीद की।
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में साम्प्रदायिक हिंसा से चिंतित समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने रविवार को सीएम अखिलेश यादव सहित पार्टी विधायकों तथा वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की और स्थिति को जल्द से जल्द काबू में करने की सख्त ताकीद की।

सपा सूत्रों ने बताया कि सपा प्रमुख ने अपने सरकारी आवास पर राज्य के कई मंत्रियों, मुख्य सचिव जावेद उस्मानी तथा गृह विभाग के प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव के साथ बैठक में मुजफ्फरनगर में हुई साम्प्रदायिक हिंसा पर नाराजगी जाहिर करते हुए वारदात के बाद उपजे हालात में स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने की सख्त हिदायत दी।

उन्होंने बताया कि यादव ने प्रदेश में माहौल खराब करने की कोशिशों पर सख्ती से लगाम लगाने के आदेश दिए।

मंत्री शाहिद मंजूर ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा ‘‘मुजफ्फरनगर की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारी सरकार इससे सख्ती से निपटने के लिये कटिबद्ध है। इस सिलसिले में आदेश दिये जा चुके हैं।’’ इस बैठक में सपा के प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी भी मौजूद थे लेकिन उन्होंने इस बारे में ज्यादा कुछ बताने से इनकार कर दिया।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में कल दो समुदायों के बीच हुई साम्प्रदायिक हिंसा में एक समाचार चैनल के संवाददाता समेत 19 लोगों की मौत हो गई थी तथा करीब 30 लोग घायल हो गए थे।

इस बीच, भाजपा प्रवक्ता मनोज मिश्र ने इस बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सपा प्रमुख की सक्रियता अखिलेश सरकार की नाकामी की निशानी है। उन्होंने कहा ‘‘इतने दिन बाद मुलायम सिंह यादव की सक्रियता से प्रदेश में यह सन्देश जा रहा है कि वर्तमान सरकार नेतृत्वहीन है और निर्णय लेने में अक्षम हैं।’’
इस बीच सेना ने एक बयान में बताया कि मुजफ्फरनगर, शामली तथा मेरठ जिलों में फौज को तैनात कर दिया गया है। अब तक आठ टुकड़ियों की तैनाती की जा चुकी है।

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बयान के मुताबिक सेना के अधिकारियों ने राज्य के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की और उसके फौरन बाद मुजफ्फरनगर के विभिन्न संवेदनशील इलाकों में फौज भेज दी गई। शामली के जिलाधिकारी ने भी सेना की सहायता मांगी थी जिसके बाद वहां एक टुकड़ी भेजी गई है।