ग्वालियर के बाद मध्यप्रदेश के शिवपुरी, उज्जैन जिला कोर्ट में माली, प्यून, वॉचमैन, ड्राइवर और स्वीपर बनने के लिए बेरोजगारों का मेला लग गया. यहां भी 10-12 पदों के लिये हजारों युवा पहुंच गए. शैक्षणिक योग्यता तो 10वीं पास थी, लेकिन लाइन में ग्रैजुएट-पोस्ट-ग्रैजुएट भी लगे थे. इस बीच सरकार ने कहा है कि वो हर महीने रोजगार दिवस मनाएगी.
शिवपुरी कोर्ट में चतुर्थ श्रेणी के 20 पदों के लिये 6008 आवेदक पहुंचे जिसमें, ग्रैजुएट-पोस्ट ग्रैजुएट भी कतार में लगे थे. आवेदकों की दलील थी कि बेरोजगार होने से अच्छा है चपरासी ही बन जाएं.
ग्वालियर के बाद मध्यप्रदेश के शिवपुरी चतुर्थ श्रेणी -20 पद, 6008 -आवेदक, ग्रैजुएट-पोस्ट ग्रैजुएट कतार में -- माली, चपरासी, और चालक जैसे पद --- आवेदकों की दलील -- #बेरोजगार होने से ठीक चपरासी ही बन जाएं ! pic.twitter.com/NrnIPzwbez
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) January 3, 2022
लाइन में लगे दीपक जाटव ग्रैजुएट हैं, आईटीआई भी किया है. कहते हैं योग्यता तो 8वीं पास थी लेकिन मुझे नहीं लगता मुझे नौकरी मिलेगी क्योंकि कॉम्पीटीशन बहुत है.
वहीं शिवम का कहना था बेरोजगारी इतनी नहीं होती तो भीड़ लगती ही नहीं, एमपी में 2017 से कोई वेकैंसी नहीं निकली है.
उज्जैन कोर्ट में भी चतुर्थ श्रेणी के 25 पदों के लिये 9500 आवेदक आए, माली, चपरासी, और ड्राइवर जैसे पदों के लिये दिल्ली से भी बेरोज़ागर उज्जैन पहुंचे. वहां मौजूद कोर्ट मैनेजर आनंदा पद्मावत मेहता ने कहा, ''22 प्यून के, 3 पद ड्राइवर के हैं, वही भर्ती चल रही है. 9500 आवेदन आए हैं, 8 बोर्ड बनाए हैं, 3 बोर्ड पुलिस लाइन में, 5 बोर्ड जिला न्यायलय परिसर में.''
उज्जैन,चतुर्थ श्रेणी -25 पद, 9500-आवेदक, ग्रैजुएट-पोस्ट ग्रैजुएट कतार में -- माली, चपरासी, और चालक जैसे पद - दिल्ली से भी चपरासी बनने आए #बेरोजगार pic.twitter.com/oaFh2ktX9D
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इससे पहले ग्वालियर में चतुर्थ श्रेणी के 15 पदों के लिये 11082 लोग पहुंचे थे, कतार में ग्रैजुएट-पोस्ट-ग्रैजुएट, बीटेक, एमबीए, एलएलबी भी, सिविल जज की तैयारी करने वाले छात्र भी शामिल थे.
हर जगह ये भांजे-भांजियों की ये भीड़ मामाजी के भाषण की सच्चाई बता रही है. सो अब सरकार नई स्कीम लाई है, तय हुआ है कि हर महीने रोजगार दिवस मनाया जाएगा जिसकी शुरूआत 12 जनवरी से यानी विवेकानंद जयंती से होगी. जिला, ब्लॉक, पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित होगा, रिकॉर्ड बनाने की बात हो रही है, सो एक पुराना रिकॉर्ड फिर देख लीजिये.
मध्यप्रदेश के रोजगार पंजीयन के दफ्तरों में बेरोजगारों की कुल संख्या 32,57,136 है. सिर्फ इतने बेरोज़गारों को नौकरी देने में करीब 20 साल लग जाएंगे. ये बेरोज़गारी तब है जब 1 लाख से ज्यादा सरकारी पद ही खाली हैं, स्वरोजगार का ढोल पीटने वाली सरकार में स्ट्रीट वेंडर योजना के लिये 15,24,222 आवेदन आए, 2,25,159 आवेदन रिजेक्ट कर दिये गये, 99,121 हस्ताक्षर का इंतज़ार कर रहे हैं जिसमें 82,000 उच्च शिक्षित युवक हैं.
सोमवार को सामान्य प्रशासन विभाग की बैठक में वैसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर कहा है कि जितने भी बैकलॉग के पद हैं, उनकी भर्ती शुरू करें, भर्तियां हर साल लगातार होती रहनी चाहिए.
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