प्रतीकात्मक इमेज
नई दिल्ली:
रेलवे में सभी श्रेणियों में 2.22 लाख से अधिक पद रिक्त पड़े होने से चिंतित संसद की एक समिति ने सरकार से रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने की सिफारिश की है. लोकसभा में आज पेश रेलवे संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे में रिक्त पदों के संबंध में समिति यह जानकर विस्मित है कि एक अप्रैल 2017 की स्थिति के अनुसार सभी श्रेणियों में 14,69,715 पदों में से 2,22,509 पद रिक्त थे. इसमें से समूह ‘ग’ एवं पूर्ववर्ती समूह घ श्रेणी में 2,20,137 पद और समूह ‘क’ में 1986 पद रिक्त थे.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल रेलवे सुरक्षा और अनुरक्षण वर्ग में 7,64,882 स्वीकृत पदों में 1,28,942 पद रिक्त हैं. इसमें कह गया कि समिति समझती है कि रिक्त पदों को भरना एक सतत प्रक्रिया है तथा सहायक लोको पायलट एवं तकनीकीविद के पद के लिये 36,52 रिक्तियों और केंद्रीय वेतन आयोग मैट्रिक स्तर 1 से 7 में विभिन्न पदों के लिये 62,907 रिक्तियों के लिये दो अधिसूचनाएं प्रकाशित की गई है.
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इसमें कहा गया है कि समिति का मत है कि इतनी बड़ी संख्या में रिक्त पदों के एकत्रित होने का मुख्य कारण लंबे समय से नियमित भर्ती नहीं करना है और वर्तमान कर्मचारियों को सामान्य ड्यूटी घंटों से अधिक कार्य के लिये प्रतिकर देना है. रिपोर्ट के अनुसार, समिति का मानना है कि रिक्त पदों को भरना न केवल रेलवे को सुचारू रूप से चलाने में एक महत्पूर्ण भूमिका निभा सकता है, बल्कि इससे कार्यशील कर्मी भी सामान्य ड्यूटी से अधिक काम करने के दबाव से उबर पायेंगे.
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समिति मंत्रालय से यह दृढ़तापूर्वक सिफारिश करती है कि रिक्त पदों को भरने के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर लें क्योंकि केवल सुरक्षा श्रेणी में एक लाख से अधिक रिक्त पदों को होना रेलवे द्वारा सुरक्षित यात्रा करने पर स्पष्ट रूप से प्रभाव डाल रहा है.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल रेलवे सुरक्षा और अनुरक्षण वर्ग में 7,64,882 स्वीकृत पदों में 1,28,942 पद रिक्त हैं. इसमें कह गया कि समिति समझती है कि रिक्त पदों को भरना एक सतत प्रक्रिया है तथा सहायक लोको पायलट एवं तकनीकीविद के पद के लिये 36,52 रिक्तियों और केंद्रीय वेतन आयोग मैट्रिक स्तर 1 से 7 में विभिन्न पदों के लिये 62,907 रिक्तियों के लिये दो अधिसूचनाएं प्रकाशित की गई है.
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समिति मंत्रालय से यह दृढ़तापूर्वक सिफारिश करती है कि रिक्त पदों को भरने के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर लें क्योंकि केवल सुरक्षा श्रेणी में एक लाख से अधिक रिक्त पदों को होना रेलवे द्वारा सुरक्षित यात्रा करने पर स्पष्ट रूप से प्रभाव डाल रहा है.
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