छगन भुजबल की फाइल फोटो
मुंबई:
बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को धन शोधन के एक मामले में चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने के महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल के अनुरोध को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट नहीं है कि उनकी स्थिति पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
न्यायमूर्ति पीएन देशमुख ने कहा, 'हम आवेदक के इस अनुरोध से संतुष्ट नहीं हैं कि उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर तत्काल ध्यान दिये जाने की जरूरत है।' हालांकि अदालत ने जेल अधिकारियों से भुजबल को जेल में उचित मेडिकल मदद देने और जरूरत पड़ने पर उन्हें पास के सरकारी अस्पताल में ले जाने को कहा।
धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत आरोपी भुजबल ने मेडिकल आधार पर जमानत मांगी थी और कहा था कि वह दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। भुजबल के खिलाफ मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनकी स्थिति गंभीर नहीं है और जरूरत पड़ने पर वह उन्हें सरकारी अस्पताल में लेकर जाएंगे।
जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में जांच लंबित है और जमानत देना उचित नहीं होगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
न्यायमूर्ति पीएन देशमुख ने कहा, 'हम आवेदक के इस अनुरोध से संतुष्ट नहीं हैं कि उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर तत्काल ध्यान दिये जाने की जरूरत है।' हालांकि अदालत ने जेल अधिकारियों से भुजबल को जेल में उचित मेडिकल मदद देने और जरूरत पड़ने पर उन्हें पास के सरकारी अस्पताल में ले जाने को कहा।
धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत आरोपी भुजबल ने मेडिकल आधार पर जमानत मांगी थी और कहा था कि वह दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। भुजबल के खिलाफ मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनकी स्थिति गंभीर नहीं है और जरूरत पड़ने पर वह उन्हें सरकारी अस्पताल में लेकर जाएंगे।
जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में जांच लंबित है और जमानत देना उचित नहीं होगा।
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