नई दिल्ली:
गृह मंत्रालय ने अपने नए प्रस्ताव में कहा है कि भारत की प्रमुख आतंकरोधी संस्था एनआईए को आतंकवादी गिरोहों में अपने जासूस भेजने के अधिकार मिलने चाहिए। 26/11 के मुम्बई हमले के बाद बनी एनआईए, पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ करने वाले आईएसआईएस जैसी आतंकी संगठनों के संभावित हमलों के बारे में जानकारियां हासिल करना चाहती है। अभी देश के बाहर से खुफिया जानकारी हासिल करने का काम रॉ जैसी संस्था करती है।
एनआईए का कहना है कि देश को आतंकियों के सुनियोजित हमलों से बचने के लिए केंद्रित प्रयास करने की जरुरत है। एजेंसी की ताकत बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय ने इस सुझाव के नोट को स्वीकृति के लिए कैबिनेट को भेज दिया गया है।
एनडीटीवी द्वारा देखे गए इस नोट मे यह भी कहा गया है कि एनआईए को अन्य देशों में हुए भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के जांच के अधिकार भी होने चाहिए। एनआईए ने ऐसे आतंकियों के मृत्युदण्ड की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए कानूनी प्रक्रिया में अधिकारों की मांग की है जो खबरी बनने के लिए तैयार हैं या हमलों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहते हैं।
एनआईए का कहना है कि देश को आतंकियों के सुनियोजित हमलों से बचने के लिए केंद्रित प्रयास करने की जरुरत है। एजेंसी की ताकत बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय ने इस सुझाव के नोट को स्वीकृति के लिए कैबिनेट को भेज दिया गया है।
एनडीटीवी द्वारा देखे गए इस नोट मे यह भी कहा गया है कि एनआईए को अन्य देशों में हुए भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के जांच के अधिकार भी होने चाहिए। एनआईए ने ऐसे आतंकियों के मृत्युदण्ड की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए कानूनी प्रक्रिया में अधिकारों की मांग की है जो खबरी बनने के लिए तैयार हैं या हमलों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहते हैं।
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