केंद्रीय सूचना आयोग(CIC) में चार सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के कुछ दिन बाद, सरकार ने शुक्रवार को चार और पदों के लिए विज्ञापन दिया है. हालांकि, इन नई नियुक्तियों के वेतन और कार्यकाल संबंधी विवादास्पद पहलू बरकरार है. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञापन के मुताबिक सूचना आयुक्त के वेतन, भत्ते और सेवा की अन्य शर्ते चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति के समय निर्धारित होगी. नियुक्ति के समय वेतन, भत्ते और अन्य नियम-शर्तों का उल्लेख करने के कदम को सामाजिक कार्यकर्ता और कुछ पूर्व सूचना आयुक्त सूचना आयोग की स्वायत्तता पर हमले की तरह मान रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता कमोडोर लोकेश बत्रा (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘‘आश्चर्यजनक है कि सरकार ने आरटीआई कानून 2005 में संशोधन का इरादा नहीं छोड़ा है. आरटीआई कानून 2005 में संशोधन नहीं होने की स्थिति में आरटीआई कानून, 2005 में निर्दिष्ट होने के बावजूद आयुक्तों का कार्यकाल और वेतन का निर्धारण करने में नाकामी मौजूदा कानून के उल्लंघन की तरह है.''सूचना का अधिकार कानून कहता है कि मुख्य सूचना आयुक्त का वेतन मुख्य चुनाव आयुक्त के बराबर होगा, जबकि सूचना आयुक्त को चुनाव आयुक्तों के समान वेतन होगा.
चार आयुक्तों की पहले ही हो चुकी है नियुक्ति
केंद्र की मोदी सरकार हाल में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में चार सूचना आयुक्तों की नियुक्ति कर चुकी है. इस प्रकार चार और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति होनी है. 31 दिसंबर, 2018 से पहले आयोग महज तीन सूचना आयुक्तों के साथ काम कर रहा था, जबकि उसमें मुख्य सूचना आयुक्त समेत 11 ऐसे अधिकारी होने चाहिए. पिछली नियुक्ति को लेकर जारी सरकारी आदेश के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व आईएफएस अधिकारी यशवर्द्धन कुमार सिन्हा, पूर्व आईआरएस अधिकारी वनजा एन सरना, पूर्व आईएएस अधिकारी नीरज कुमार गुप्ता और पूर्व विधि सचिव सुरेश चंद्र की सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी.सिन्हा 1981 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं जो ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त थे. पटना के सेंट माइकल हाई स्कूल और दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र सिन्हा अहम पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान संभाग के अगुवा समेत विदेश मंत्रालय में कई अहम पदों पर रह चुके हैं. उन्होंने अतिरिक्त सचिव के इस संभाग की अगुवाई की थी.सीआईसी में एकमात्र महिला 1980 बैच की भारतीय राजस्व सेवा (सीमाशुल्क एवं उत्पाद शुल्क) की अधिकारी सरना होंगी. वह केंद्रीय सीमाशुल्क एवं उत्पाद शुल्क बोर्ड की प्रमुख थीं. वर्ष 1982 बैच के आईएएस अधिकारी नीरज कुमार गुप्ता निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग में सचिव थे.
भारतीय विधि सेवा के अधिकारी चंद्रा इसी साल केंद्रीय कानून सचिव के रुप में सेवानिवृत हुए थे और वह 2002-04 तक तत्कालीन कानून मंत्री अरुण जेटली के निजी सचिव भी रहे थे. सरकार द्वारा नियुक्त किये गये सभी चारों इसी साल सेवानिवृत हुए थे.मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर और सूचना आयुक्तों- यशोवर्द्धन आजाद, श्रीधर आचार्यलु और अमिताव भट्टाचार्य के हाल ही में सेवानिवृत हो जाने के बाद आरटीआई मामलों के शीर्षतम न्यायिक प्राधिकरण में तीन सूचना आयुक्त ही बच गये थे. इस रिक्तता पर कई सामाजिक कार्यकर्ता उच्चतम न्यायालय चले गये थे.(इनपुट-भाषा से)
वीडियो- सूचना आयोग में पद खाली रहना गंभीर बात: श्रीधर अचारुलु
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