जम्मू के कुछ इलाकों में बीती रात ही फोन और इंटरनेट सेवाएं बहाल हुईं थी कि रविवार सुबह एक बार फिर इन पर पाबंद लग गई है. प्रशासन का कहना है कि किसी तकनीकि खामी की वजह से ऐसा किया गया है. वहीं स्थानीय सूत्रों के अनुसार जम्मू में कुछ दक्षिणपंथी समूहों के रैली करने के दौरान शांति बनाए रखने के लिए इन्हें एक बार फिर बंद किया गया है. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि सुबह जम्मू के कुछ इलाकों में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने बाइक रैली की. इस बीच किसी भी विरोध और हिंसा को रोकने के लिए सेलफोन इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था, जो अभी भी बहाल नहीं की गई हैं.
जम्मू-कश्मीर में लंबे समय तक शांति बहाल रखने के लिए सरकार ने तैयार किया यह 'ब्लूप्रिंट'
इससे पहले शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई थी. इनमें जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर जैसे इलाके शामिल हैं. साथ ही कश्मीर घाटी के 50 हजार लैंडलाइन कनेक्शन भी शुरू किया गया है.
घाटी में 50 हजार लैंडलाइन सेवाएं बहाल, 2जी मोबाइल नेटवर्क भी शुरू, पढ़ें 10 बड़ी बातें...
बता दें अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में हिंसा की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद करने का फैसला किया था.जिन 17 इलाकों एक्सचेंज में लैंडलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं, उनमें सिविल लाइन्स क्षेत्र, छावनी क्षेत्र, श्रीनगर जिले के हवाई अड्डे के पास के हैं. मध्य कश्मीर में बडगाम, सोनमर्ग और मनिगम में लैंडलाइन सेवाएं बहाल की गई हैं. वहीं, उत्तर कश्मीर में गुरेज, तंगमार्ग, उरी केरन करनाह और तंगधार इलाकों में सेवाएं बहाल हुई हैं.
वीडियो: घाटी के किन-किन इलाकों में बहाल हुईं लैंडलाइन सेवाएं
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