नई दिल्ली:
भारत के विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर और विदेशी मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज दोनों इस समय बेल्ज़ियम की राजधानी ब्रसेल्स में हैं. दोनों यहां अफगानिस्तान पर हो रहे कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. यह कॉन्फ्रेंस 4 और 5 अक्टूबर दो दिनों की है. भारत और पाकिस्तान दोनों तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि दोनों के बीच कोई आपसी मुलाकात का कार्यक्रम तय नहीं है, हालांकि जब दोनों एक शहर में हैं तो नजर इस बात पर होगी कि दोनों औपचारिक तौर पर न सही, लेकिन क्या अनौपचारिक तौर पर ही सही, आपस में मिलेंगे.
उम्मीद और बढ़ जाती है जब दोनों कॉन्फ्रेंस के दौरान एक हॉल के भीतर मौजूद होंगे. उरी और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यह पहला मौक़ा है जब देशों के मंत्री स्तर के राजनेता एक कॉन्फ्रेंस में मौजूद होंगे.
ऐसी उम्मीद इसलिए जताई जा रही है कि पिछले 48 घंटों में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षाकारों के बीच दो बार बातचीत ख़बर आई है. यह भी कहा गया कि इस बातचीत में दोनों एनएसए एलओसी पर तनाव घटाने को सहमत हो गए हालांकि यह खबर पाकिस्तान की मीडिया के हवाले से आई, लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय या एनएसए के दफ्तर की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई, न ही इस ख़बर से इंकार किया गया.
एक तथ्य यह भी है कि अकबर और अजीज ब्रसेल्स के किसी गुपचुप दौरे पर नहीं हैं बल्कि अफगानिस्तान कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए घोषित दौरे पर हैं इसलिए यह मामला दोनों देशों के एनएसए की उस गुपचुप मुलाक़ात से बिल्कुल अलग है, जो उन्होंने बातचीत को पटरी पर लाने के लिए बैंकॉक में की थी. फिर यह भी देखा गया है कि पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महाधिवेशन में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी और नवाज़ शरीफ़ एक ही होटल में वाल्डॉर्फ इस्टोरिया में रहते हुए भी आपस में नहीं मिले. औपचारिक तो दूर अनौपचारिक तौर पर भी नहीं. इसी तरह सुषमा स्वराज और सरताज़ अज़ीज न्यूयॉर्क में ही आमने-सामने होने के बावजूद नहीं मिले.
उरी हमले और फिर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच जिस तरह का तनाव है, ऐसे में दुनिया के कई देशों का ज़ोर इस बात पर है कि दोनों देश मामले को ठंडा करें. यह एक मौक़ा हो सकता है जब दोनों देशों के बीच कुछ बात की गुंजाइश बने.
उम्मीद और बढ़ जाती है जब दोनों कॉन्फ्रेंस के दौरान एक हॉल के भीतर मौजूद होंगे. उरी और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यह पहला मौक़ा है जब देशों के मंत्री स्तर के राजनेता एक कॉन्फ्रेंस में मौजूद होंगे.
ऐसी उम्मीद इसलिए जताई जा रही है कि पिछले 48 घंटों में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षाकारों के बीच दो बार बातचीत ख़बर आई है. यह भी कहा गया कि इस बातचीत में दोनों एनएसए एलओसी पर तनाव घटाने को सहमत हो गए हालांकि यह खबर पाकिस्तान की मीडिया के हवाले से आई, लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय या एनएसए के दफ्तर की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई, न ही इस ख़बर से इंकार किया गया.
एक तथ्य यह भी है कि अकबर और अजीज ब्रसेल्स के किसी गुपचुप दौरे पर नहीं हैं बल्कि अफगानिस्तान कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए घोषित दौरे पर हैं इसलिए यह मामला दोनों देशों के एनएसए की उस गुपचुप मुलाक़ात से बिल्कुल अलग है, जो उन्होंने बातचीत को पटरी पर लाने के लिए बैंकॉक में की थी. फिर यह भी देखा गया है कि पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महाधिवेशन में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी और नवाज़ शरीफ़ एक ही होटल में वाल्डॉर्फ इस्टोरिया में रहते हुए भी आपस में नहीं मिले. औपचारिक तो दूर अनौपचारिक तौर पर भी नहीं. इसी तरह सुषमा स्वराज और सरताज़ अज़ीज न्यूयॉर्क में ही आमने-सामने होने के बावजूद नहीं मिले.
उरी हमले और फिर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच जिस तरह का तनाव है, ऐसे में दुनिया के कई देशों का ज़ोर इस बात पर है कि दोनों देश मामले को ठंडा करें. यह एक मौक़ा हो सकता है जब दोनों देशों के बीच कुछ बात की गुंजाइश बने.
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