भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान AN-32 का सर्च ऑपरेशन जारी (फाइल फोटो)
नयी दिल्ली:
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि वायुसेना के लापता हुए विमान का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। पर्रिकर ने ये भी कहा कि अब तक जो भी संकेत मिले हैं, वे सही नहीं पाए गए। लापता एएन-32 का तलाशी अभियान अभी जारी है। लेकिन जितनी देरी होती जा रही है, उम्मीदें उतनी कम होती जा रही हैं।
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को वायुसेना का विमान 29 लोगों को लेकर चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर के लिए रवाना हुआ था लेकिन अब तक नहीं पहुंच पाया है और न ही खबर है कि विमान के साथ कोई अनहोनी हुई है। बस तमाम तरह के कयास ही लगाया जा रहे हैं। इस बीच वायुसेना ने तमिलनाडु पुलिस के जरिए गायब हुए विमान की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई है।
तमिलनाडु के सेलाइयुर थाने में ये एफआईआर दुर्घटना एवंम हादसों की धाराओं के साथ एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के तहत दर्ज कराई गई है। वायुसेना के शिकायकर्ता अधिकारी ने एफआईआर में लिखवाया है कि लापता विमान ने 22 जुलाई की सुबह 9.05 मिनट पर एटीसी से खराब मौसम के चलते अपने हवाई-मार्ग से दाईं दिशा मे जाने की इजाजत मांगी थी लेकिन 9.13 मिनट के बाद विमान रडार कवर से बाहर हो गया। तब से विमान से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
वायुसेना के लापता हुए विमान का सुराग पता लगाने के लिए अब सैटेलाइट की मदद ली जा रही है। भारतीय नौसेना की स्वदेशी सैटेलाइट ने तस्वीरें भेजनी शुरू कर दी हैं लेकिन अभी तक वायुसेना के एएन-32 विमान का कोई अता पता नहीं चला है। इस विमान की तलाश में नौसेना और कोस्टगार्ड के 17 जहाज दिन रात बंगाल की खाड़ी में चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच जुटे हुए हैं।
नौसेना की एक पनडुब्बी भी समंदर के नीचे विमान को तलाश कर रही है। जिस जगह प्लेन लापता हुआ वहां समंदर करीब 3500 मीटर गहरा है। इसके अलावा वायुसेना, नौसेना और कोस्टगार्ड के 18 टोही विमान भी लापता हुए एएन प्लेन की तलाश कर रहे हैं। यहां दिक्कत ये आ रही जब तक पक्के तौर पर ये पता न चल जाए कि अगर विमान समुद्र में गिरा है तो कहां गिरा है? इसके बाद ही तलाशी अभियान एक सीमित इलाके में केन्द्रित किया जा सकता है।
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को वायुसेना का विमान 29 लोगों को लेकर चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर के लिए रवाना हुआ था लेकिन अब तक नहीं पहुंच पाया है और न ही खबर है कि विमान के साथ कोई अनहोनी हुई है। बस तमाम तरह के कयास ही लगाया जा रहे हैं। इस बीच वायुसेना ने तमिलनाडु पुलिस के जरिए गायब हुए विमान की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई है।
तमिलनाडु के सेलाइयुर थाने में ये एफआईआर दुर्घटना एवंम हादसों की धाराओं के साथ एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के तहत दर्ज कराई गई है। वायुसेना के शिकायकर्ता अधिकारी ने एफआईआर में लिखवाया है कि लापता विमान ने 22 जुलाई की सुबह 9.05 मिनट पर एटीसी से खराब मौसम के चलते अपने हवाई-मार्ग से दाईं दिशा मे जाने की इजाजत मांगी थी लेकिन 9.13 मिनट के बाद विमान रडार कवर से बाहर हो गया। तब से विमान से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
वायुसेना के लापता हुए विमान का सुराग पता लगाने के लिए अब सैटेलाइट की मदद ली जा रही है। भारतीय नौसेना की स्वदेशी सैटेलाइट ने तस्वीरें भेजनी शुरू कर दी हैं लेकिन अभी तक वायुसेना के एएन-32 विमान का कोई अता पता नहीं चला है। इस विमान की तलाश में नौसेना और कोस्टगार्ड के 17 जहाज दिन रात बंगाल की खाड़ी में चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच जुटे हुए हैं।
नौसेना की एक पनडुब्बी भी समंदर के नीचे विमान को तलाश कर रही है। जिस जगह प्लेन लापता हुआ वहां समंदर करीब 3500 मीटर गहरा है। इसके अलावा वायुसेना, नौसेना और कोस्टगार्ड के 18 टोही विमान भी लापता हुए एएन प्लेन की तलाश कर रहे हैं। यहां दिक्कत ये आ रही जब तक पक्के तौर पर ये पता न चल जाए कि अगर विमान समुद्र में गिरा है तो कहां गिरा है? इसके बाद ही तलाशी अभियान एक सीमित इलाके में केन्द्रित किया जा सकता है।
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