जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)
लेथपोरा (जम्मू-कश्मीर):
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को सुरक्षा बलों से कहा कि वे छर्रे वाली बंदूकों का इस्तेमाल करने से बचें और पथराव करने वालों तथा उग्रवादियों तथा उनके परिवारों के बीच फर्क करें. उन्होंने साफ किया कि घाटी में हालिया अशांति के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बल प्रयोग किया गया था.
महबूबा ने कहा, 'स्थिति से निपटने में हमें कई बार बल प्रयोग करना पड़ता है और मुझे यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है. हम सभी को सच बोलना चाहिए. हमें बल प्रयोग करना पड़ा. क्योंकि हमें जम्मू-कश्मीर के लोगों की जान और माल की सुरक्षा करनी थी.'
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में स्थित कमांडो प्रशिक्षण केंद्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस की पासिंग आउट परेड के अवसर पर मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं. महबूबा ने कहा, यदि बल प्रयोग नहीं किया गया होता तो क्षति बहुत ज्यादा होती.
उन्होंने कहा, 'यदि हमने ऐसा नहीं किया होता, तो और हत्याएं होतीं, और नुकसान होता. लेकिन अब हमारा लक्ष्य ऐसे लोगों को ध्यान में रखना होना चाहिए जो इस स्थिति, हड़तालों और कर्फ्यू के कारण अपने घरों में कैद हैं और देखना होगा कि पिछले छह महीने में उनके साथ क्या हुआ है.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब स्थिति में सुधार हुआ है और वक्त आ गया है, जब हमें अपने 'तरीकों में बदलाव लाना होगा.' उन्होंने कहा, 'लेकिन अब मैं सोचती हूं कि स्थिति में सुधार के बाद लोगों के घावों को भरने का वक्त आ गया है. अब हमें अपने तरीके बदलने होंगे. हमें चार महीने पुरानी स्थिति और मौजूदा हालात में फर्क करना होगा. हमें युवाओं पर खास ध्यान देना होगा.' उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को उग्रवादियों और पथराव में शामिल कानून तोड़ने वालों तथा उनके परिवारों में फर्क करना होगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महबूबा ने कहा, 'स्थिति से निपटने में हमें कई बार बल प्रयोग करना पड़ता है और मुझे यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है. हम सभी को सच बोलना चाहिए. हमें बल प्रयोग करना पड़ा. क्योंकि हमें जम्मू-कश्मीर के लोगों की जान और माल की सुरक्षा करनी थी.'
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में स्थित कमांडो प्रशिक्षण केंद्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस की पासिंग आउट परेड के अवसर पर मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं. महबूबा ने कहा, यदि बल प्रयोग नहीं किया गया होता तो क्षति बहुत ज्यादा होती.
उन्होंने कहा, 'यदि हमने ऐसा नहीं किया होता, तो और हत्याएं होतीं, और नुकसान होता. लेकिन अब हमारा लक्ष्य ऐसे लोगों को ध्यान में रखना होना चाहिए जो इस स्थिति, हड़तालों और कर्फ्यू के कारण अपने घरों में कैद हैं और देखना होगा कि पिछले छह महीने में उनके साथ क्या हुआ है.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब स्थिति में सुधार हुआ है और वक्त आ गया है, जब हमें अपने 'तरीकों में बदलाव लाना होगा.' उन्होंने कहा, 'लेकिन अब मैं सोचती हूं कि स्थिति में सुधार के बाद लोगों के घावों को भरने का वक्त आ गया है. अब हमें अपने तरीके बदलने होंगे. हमें चार महीने पुरानी स्थिति और मौजूदा हालात में फर्क करना होगा. हमें युवाओं पर खास ध्यान देना होगा.' उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को उग्रवादियों और पथराव में शामिल कानून तोड़ने वालों तथा उनके परिवारों में फर्क करना होगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं