इशरत जहां (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई का कहना है कि दिसम्बर, 2004 में मारी गई इशरत जहां पर गृह मंत्रालय ने जो हलफ़नामा दिया था, वो उस वक्त के गृह मंत्री पी चिदम्बरम के कहने पर बदला गया था। पिल्लई का कहना है कि राजनैतिक कारणों से गृह मंत्रालय ने इशरत से जुड़ा ऐफ़िडेविट बदला था। अब इसको लेकर नॉर्थ ब्लॉक में हलचल है। एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़-
- गृह मंत्रालय इशरत से जुड़ी हुई फ़ाइलों का अध्ययन कर रहा है।
- ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि पूर्व गृह सचिव ने क्या नए ऐफ़िडेविट पर दस्तखत करने से पहले अपना ऐतराज़ दर्ज करवाया था या नहीं।
- और अगर नहीं तो किस आधार पर नए ऐफ़िडेविट पर दस्तखत किए।
- वैसे इशरत मामले से जुड़ी कई फ़ाइलें ग़ायब हैं जिन्हें ढूंढा जा रहा है।
आरोप गृह मंत्रालय पर लग रहा है कि चिदम्बरम ने NIA का दुरुपयोग किया और ज़बरन ऐफ़िडेविट बदलवाए, वो पन्ना बदला गया जिसमें NIA ने इशरत को लश्कर से जुड़ा बताया था।
उधर चिदम्बरम का कहना है कि नए हलफ़नामे की वो पूरी जिम्मेदारी लेते हैं और वह एकदम सही है। चिदम्बरम ने मीडिया से कहा, 'मैं मंत्री के तौर पर इसकी पूरी ज़िम्मेदारी लेता हूं लेकिन ये दुःख की बात है कि पूर्व गृह सचिव अब इससे दूरी बना रहे हैं क्योंकि वो भी इसके लिए उतने ही जिम्मेदार थे।'
वैसे सीबीआई ने इशरत जहां मामले में आरोप पत्र तो दायर कर दिया है लेकिन आरोप अभी तय नहीं हुए हैं। इस पर गृह मंत्रालय ने सीबीआई को आईबी के राजिंदर कुमार और बाक़ी अफ़सरों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की इजाज़त भी नहीं दी थी क्योंकि उनके ख़िलाफ़ मंत्रालय को सीबीआई द्वारा इकट्ठा किए सबूत नाकाफ़ी लगे थे। यानी मामला दो सालों से वहीं अटका पड़ा है जहां से शुरू हुआ था।
- गृह मंत्रालय इशरत से जुड़ी हुई फ़ाइलों का अध्ययन कर रहा है।
- ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि पूर्व गृह सचिव ने क्या नए ऐफ़िडेविट पर दस्तखत करने से पहले अपना ऐतराज़ दर्ज करवाया था या नहीं।
- और अगर नहीं तो किस आधार पर नए ऐफ़िडेविट पर दस्तखत किए।
- वैसे इशरत मामले से जुड़ी कई फ़ाइलें ग़ायब हैं जिन्हें ढूंढा जा रहा है।
आरोप गृह मंत्रालय पर लग रहा है कि चिदम्बरम ने NIA का दुरुपयोग किया और ज़बरन ऐफ़िडेविट बदलवाए, वो पन्ना बदला गया जिसमें NIA ने इशरत को लश्कर से जुड़ा बताया था।
उधर चिदम्बरम का कहना है कि नए हलफ़नामे की वो पूरी जिम्मेदारी लेते हैं और वह एकदम सही है। चिदम्बरम ने मीडिया से कहा, 'मैं मंत्री के तौर पर इसकी पूरी ज़िम्मेदारी लेता हूं लेकिन ये दुःख की बात है कि पूर्व गृह सचिव अब इससे दूरी बना रहे हैं क्योंकि वो भी इसके लिए उतने ही जिम्मेदार थे।'
वैसे सीबीआई ने इशरत जहां मामले में आरोप पत्र तो दायर कर दिया है लेकिन आरोप अभी तय नहीं हुए हैं। इस पर गृह मंत्रालय ने सीबीआई को आईबी के राजिंदर कुमार और बाक़ी अफ़सरों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की इजाज़त भी नहीं दी थी क्योंकि उनके ख़िलाफ़ मंत्रालय को सीबीआई द्वारा इकट्ठा किए सबूत नाकाफ़ी लगे थे। यानी मामला दो सालों से वहीं अटका पड़ा है जहां से शुरू हुआ था।
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