गृह मंत्रालय (MHA) ने मंगलवार से शुरू होने वाली ट्रेनों के परिचालन के लिये दिशा-निर्देश जारी किए हैं. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि केवल कन्फर्म ई-टिकट धारकों को ही यात्रा करने की अनुमति मिलेगी. सभी यात्रियों की स्टेशन के एंट्री गेट पर आवश्यक स्क्रीनिंग की जाएगी. जिन यात्रियों में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं पाए जाएंगे, उन्हें ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी.
मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, सभी स्टेशनों के एंट्री और एग्जिट पॉइंट और कोचों में सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी व इसका इस्तेमाल अनिवार्य होगा. स्टेशन पर दाखिल होते समय व यात्रा के दौरान यात्री को मास्क पहनना अथवा चेहरा ढकना होगा. एंट्री-एग्जिट और यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा. यात्रा खत्म होने के बाद यात्रियों को संबंधित राज्य द्वारा जारी किए गए हेल्थ प्रोटोकॉल को फॉलो करना होगा.
इस बीच रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने भी रेल यात्रियों के लिए कुछ विशेष निर्देश दिए हैं. RPF के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा, 'यात्रियों से ट्रेन के निकलने के समय (Departure Time) से 90 मिनट पहले रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के लिए कहा जाएगा.'
अरुण कुमार ने कहा कि यात्रियों को स्टेशन के अंदर आने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा. साथ ही यात्रियों से यात्रा के दौरान थोड़ा-बहुत सामान ही ले जाने का आग्रह किया जाएगा. ट्रेन में यात्रा करने को लेकर पहले भी कुछ निर्देश जारी किए गए थे. इसके तहत, ऐसे यात्री जो बुखार आदि से पीड़ित है, वह यात्रा नहीं कर सकेंगे. इसके अलावा जिस यात्री में कोरोनावायरस के कोई भी लक्षण पाए जाएंगे, उसे यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी.
बताते चलें कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए चलाई गई श्रमिक विशेष ट्रेनें (Shramik Special trains) अब गंतव्य राज्य (मतलब जिस राज्य के लिए ट्रेन चलाई गई है) में तीन स्टेशनों पर रुकेंगी और 1,200 की जगह पूरी क्षमता 1,700 लोगों के साथ चलेंगी. भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने सोमवार को यह आदेश जारी किया है. इसके साथ ही इन ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) भी नहीं होगी और मिडिल बर्थ का भी इस्तेमाल किया जाएगा. रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान ज्यादा से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए यह फैसला लिया है.
रेलवे की ओर से जारी आदेश में, रेलवे जोन्स को संबंधित राज्यों में गंतव्य के अलावा तीन जगहों पर गाड़ियों के ठहराव के लिए कहा गया है. राज्य सरकारों के आग्रह पर यह निर्णय किया गया है. इसमें यह भी कहा गया है कि ट्रेन में यात्रियों को ले जाने की क्षमता उसमें मौजूद शयनयान सीटों की संख्या के बराबर होनी चाहिए.
श्रमिक विशेष गाड़ियों में 24 कोच हैं और प्रत्येक कोच में 72 यात्रियों को ले जाने की क्षमता है. सामाजिक मेल जोल से दूरी के प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए वर्तमान में प्रत्येक डिब्बे में 54 यात्रियों को लेकर ले जाया जा रहा है. भारतीय रेलवे ने जानकारी देते हुए बताया है कि स्पेशल ट्रेनों के जरिए 1 मई से अब तक करीब 5 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा चुका है.
VIDEO: 12 मई से यात्री ट्रेनें शुरू करेगा रेलवे
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