यह ख़बर 26 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

नई मैन्युफैक्चरिंग नीति को सरकार की मंज़ूरी

खास बातें

  • सरकार का इरादा इस नई उत्पादन नीति के तहत कई विशालकाय औद्योगिक क्षेत्र बनाने का है जहां उद्योगों को कई तरह की रियायतें मिलेंगी।
नई दिल्ली:

देश में कॉरपोरेट सेक्टर के विकास को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने नई मैन्युफैक्चरिंग नीति को मंज़ूरी दे दी है। सरकार का इरादा इस नई उत्पादन नीति के तहत कई विशालकाय औद्योगिक क्षेत्र बनाने का है जहां उद्योगों को कई तरह की रियायतें मिलेंगी। फिलहाल भारतीय अथर्व्यवस्था में उत्पादन का हिस्सा पंद्रह−सोलह फ़ीसदी का है जिसे सरकार 25 फ़ीसदी तक लाना चाहती है। यही नहीं सरकार बढ़ती बेरोज़गारी पर काबू पाना भी अपना एक लक्ष्य बता रही है। सरकार का दावा है कि इस नई नीति से अगले दस साल में दस करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी। इसके तहत मेगा इंडस्ट्रियल ज़ोन बनाया जाएगा। सरकार का दावा है कि इससे अगले 10 सालों में 10 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी। साथ ही कैबिनेट ने 15 लाख रुपये तक के होम लोन पर एक फ़ीसदी सब्सिडी देने का फ़ैसला किया है। इस फ़ैसले का फ़ायदा होम लेने वाले लोगों में से 30 फ़ीसदी को होगा। इसके अलावा प्रिंट मीडिया के पत्रकारों और दूसरे कमर्चारियों के लिए वेज बोर्ड की सिफारिशें भी कैबिनेट ने मान ली हैं। वेज बोर्ड ने सैलरी तीन गुना बढ़ाने की सिफारिश की है। साथ ही रिटायरमेंट की उम्र 65 साल करने का भी प्रस्ताव रखा है।


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