विज्ञापन
This Article is From Mar 25, 2021

NIA ने सचिन वाजे की कस्‍टडी मांगी, कोर्ट में कहा-अन्‍य आरोपियों को सामने बैठाकर करनी है पूछताछ

NIA की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) अनिल सिंह ने स्‍पेशल NIA  कोर्ट में कहा, हमें और जांच के लिए आरोपी की हिरासत चाहिए. सचिन वाजे के घर से बंदूक के 62 बुलेट मिले हैं, जिनका हिसाब नही मिला है.

NIA ने सचिन वाजे की कस्‍टडी मांगी, कोर्ट में कहा-अन्‍य आरोपियों को सामने बैठाकर करनी है पूछताछ
एनआईए की हिरासत में सचिन वाजे
मुंंबई:

ऑटो पार्ट्स डीलर मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) से जुड़े मामले में राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Vaze) की कस्टडी की मांग की है. NIA की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) अनिल सिंह ने स्‍पेशल NIA  कोर्ट में कहा, हमें और जांच के लिए आरोपी की हिरासत चाहिए. सचिन वाजे के घर से बंदूक के 62 बुलेट मिले हैं, जिनका हिसाब नही मिला है. उसे रखने का उद्देश्य क्या था, ये आरोपी बता नही रहा है. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सर्विस रिवॉल्वर के लिए दी 30 गोलियों में से केवल 5 ही मिली हैं, बाकी की 25 कहां गईं, यह आरोपी नहीं बता रहा है.

17 फरवरी के फुटेज में मर्सिडीज पर बैठते नजर आए मनुसख, कार चला रहा था सचिन वाजे

उन्‍होंने कहा कि हमने डीएनए के लिए आरोपियों के खून के नमूने लिए हैं. जब्त किए गए 5 वाहनों के नमूने भी DNA मिलान के लिए एकत्र किए गए हैं. स्कॉर्पियो की कलिना एफएसएल रिपोर्ट में  विस्फोटक  के अंश मिले हैं. इसके अलावा मामले में ऑडियो विजुअल सबूत भी बरामद किए गये हैं. मुंबई पुलिस ने आरोपियों के सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराए हैं. मनसुख हिरेन हत्या मामले में ATS द्वारा अटेस्ट किए गए 2 आरोपियों की कस्टडी मिली है. उन दोनों को आरोपी सचिन वाजे के सामने बिठाकर पूछताछ करनी है. इस मामले में और भी संदिग्ध हैं, उनकी तलाश जारी है. आरोपी ने सबूत नष्ट करने की कोशिश की है.ASG ने कहा कि इस अपराध ने न केवल इस शहर या राज्य को बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है. हर कोई हैरान है कि एक पुलिसकर्मी इस में शामिल था और वही प्रारंभिक जांचकर्ता था.

ATS ने सचिन वाजे को 14 सिम कार्ड देने वाले गुजरात के शख्‍स को हिरासत में लिया

दूसरी ओर बचाव पक्ष के वकील आबाद पोंडा ने कहा कि इस मामले में UAPA लगाने के लिए NIA को अदालत को संतुष्ट करना होगा. उन्‍होंने कहा कि UAPA एक आतंकवाद विरोधी कानून है जो इस केस में लागू नही होता है. UAPA विस्फोटक के बारे में बात करता है, उसकी परिभाषा में विस्फोटक के प्रकारों की सूची है लेकिन यहां अकेले जिलेटीन उस परिभाषा में नही आती. अकेले जिलेटिन तब तक विस्फोटक नहीं हो सकता जब तक कि वह किसी डेटोनेटर या किसी अन्य उत्प्रेरक के साथ न हो, इसलिए केवल जिलेटिन UAPA लगाने के लिए पर्याप्त नही है. इसके अलावा UAPA में आतंकवादी अधिनियम की परिभाषा के अनुसार, अधिनियम को समाज के एक वर्ग के खिलाफ होना चाहिए और यहां इस मामले में यह केवल समाज का एक व्यक्ति है.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com