PM Modi Mann ki Baat Updates : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को मन की बात के 80वें संस्करण (Mann ki Baat News) के दौरान खेल दिवससे जुड़ी अपनी बातें रखीं. पीएम मोदी ने कहा कि ओलंपिक और पैरालंपिक्स में भारत की कामयाबी के साथ युवाओं में खेलों के प्रति दिख रही ललक ही मेजर ध्यान चंद्र (Major Dhyan Chanda) के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि ही है. उन्होंने सब खेलें और सब आगे बढ़ें के अपने नारे का जिक्र किया. प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने सबका साथ, सबका विकास के साथ सबका प्रयास का भी नारा दिया था.
पीएम मोदी ने कहा, हम सभी देशवासी इस जोश को जितना आगे बढ़ा सकते हैं, जितना योगदान हम दे सकते हैं, ‘सबका प्रयास' इस मंत्र से साकार करके दिखाएं. नौजवानों को इस अवसर का फायदा उठाते हुए अलग-अलग प्रकार के खेलकूद में महारत भी हासिल करनी चाहिए. गांव-गांव खेलों की स्पर्धाएं लगातार चलती रहनी चाहिए.
गरीबों के जन-धन खातों में जमा डेढ़ लाख करोड़, योजना के 7 साल पूरे होने केंद्र ने जारी किए आंकड़े
प्रधानमंत्री ने कहा, मेजर ध्यानचंद जैसे लोगों ने जो रास्ता बताया है, उसमें आगे बढ़ना हमारी जिम्मेदारी है. सालों बाद देश में ऐसा कालखंड आया है कि खेलों के प्रति परिवार हो, समाज हो, राज्य हो, राष्ट्र हो – एक मन से सब लोग जुड़ रहे हैं.
आध्यात्म और दर्शन पर भी बात की
पीएम मोदी ने मन की बात के दौरान आध्यात्म और दर्शन पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'दुनिया के लोग आज जब भारतीय अध्यात्म और दर्शन के बारे में इतना सोचते हैं तो हमारी भी यह जिम्मेदारी है कि हम अपनी इन महान परम्पराओं को आगे लेकर जाएं, जो कालबाह्यी है उसे छोड़ना ही है लेकिन जो कालातीत है उसे आगे भी ले जाना है.'
"साथियो, दुनिया के लोग जब आज भारतीय अध्यात्म और दर्शन के बारे में इतना कुछ सोचते हैं, तो हमारी भी ज़िम्मेदारी है कि हम अपनी इन महान परम्पराओं को आगे लेकर जाएँ |
— Mann Ki Baat Updates मन की बात अपडेट्स (@mannkibaat) August 29, 2021
जो कालबाह्यी है उसे छोड़ना ही है लेकिन जो कालातीत है उसे आगे भी ले जाना है |" - पीएम श्री @narendramodi.#MannKiBaat pic.twitter.com/FarMDpeAgE
62 करोड़ से ज्यादा डोज
उन्होंने कहा कि देश में 62 करोड़ से ज्यादा कोरोना की डोज दी जा चुकी है, लेकिन फिर भी हमें सावधानी रखनी है, सतर्कता रखनी है.
"और इन प्रयासों के बीच, हमें एक बात और याद रखनी है |
— Mann Ki Baat Updates मन की बात अपडेट्स (@mannkibaat) August 29, 2021
दवाई भी, कड़ाई भी |
देश में 62 करोड़ से ज्यादा vaccine की dose दी जा चुकी है लेकिन फिर भी हमें सावधानी रखनी है, सतर्कता रखनी है |"
- पीएम श्री @narendramodi .#MannKiBaat pic.twitter.com/AYlGea8NBN
संस्कृत को लेकर जागरूकता-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने मन की बात में संस्कृत को लेकर कहा कि हालिया वक्त में जो प्रयास हुए हैं, उनसे संस्कृत को लेकर जागरूकता आई है. अब समय है कि इस दिशा में हम अपने प्रयास और बढ़ाएं. उन्होंने विदेशों में संस्कृत पढ़ाने वाले कई लोगों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि सिडनी संस्कृत स्कूल ऑस्ट्रेलिया के उन प्रमुख संस्थानों में से एक हैं, जहां विद्यार्थियों को संस्कृत पढ़ाई जाती है. उन्होंने रूस की मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बोरिस जाखरिन का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने कई शोध पत्र और पुस्तकें प्रकाशित की हैं. कई पुस्तकों का संस्कृत से रूसी में अनुवाद किया है. उन्होंने कहा कि संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ये ज्ञान विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है.
"संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ये ज्ञान विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है, उसे मजबूत करती है |
— Mann Ki Baat Updates मन की बात अपडेट्स (@mannkibaat) August 29, 2021
संस्कृत साहित्य में मानवता और ज्ञान का ऐसा ही दिव्य दर्शन है जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है |"
- पीएम श्री @narendramodi .#MannKiBaat pic.twitter.com/57ywFKE6HD
हुनरमंद होने पर गर्व करें-पीएम मोदी
विश्वकर्मा जयंती से पूर्व पीएम मोदी ने भगवान विश्वकर्मा को भी याद किया और कहा एक समय था जब हमारे पारिवारिक जीवन, सामाजिक जीवन, राष्ट्र जीवन पर कौशल का बहुत अधिक प्रभाव रहता था, लेकिन गुलामी के लंबे कालखंड में हुनर को सम्मान देने वाली भावना धीरे-धीरे विस्मृत हो गई. सोच ऐसी बन गई कि हुनर पर आधारित कार्याें को छोटा समझा जाने लगा. उन्होंने कहा कि हमें हुनर को सम्मान देना होगा, हुनरमंद होने के लिए मेहनत करनी होगी. हमें हुनरमंद होने पर गर्व होना चाहिए.
"एक समय, हमारे पारिवारिक जीवन, सामाजिक जीवन, राष्ट्र जीवन पर कौशल्य का बहुत बड़ा प्रभाव रहता था | लेकिन गुलामी के लंबे कालखंड में हुनर को इस तरह का सम्मान देने वाली भावना धीरे-धीरे विस्मृत हो गई |"
— Mann Ki Baat Updates मन की बात अपडेट्स (@mannkibaat) August 29, 2021
- पीएम श्री @narendramodi .#MannKiBaat pic.twitter.com/OjWlTl2XKJ
पीएम मोदी ने अपने अनुभव साझा किए
पीएम मोदी ने कहा, 'कल जनमाष्टमी का महापर्व भी है. जनमाष्टमी का यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व है. हम भगवान के सभी स्वरूपों से परिचित हैं, नटखट कन्हैया से लेकर विराट रूप धारण् करने वाले कृष्ण तक, शास्त्र सामर्थ्य से लेकर शस्त्र सामर्थ्य वाले कृष्ण तक.' उन्होंने कहा, 'कला हो, सौंदर्य हो, माधुर्य हो, कहां-कहां कृष्ण है.' उन्होंने कहा कि जनमाष्टमी से कुछ दिन पूर्व मैं एक दिलचस्प अनुभव से गुजरा हूं, जिसे उन्होंने श्रोताओ के साथ साझा किया.
"कला हो, सौन्दर्य हो, माधुर्य हो, कहाँ-कहाँ कृष्ण है |
— Mann Ki Baat Updates मन की बात अपडेट्स (@mannkibaat) August 29, 2021
लेकिन ये बातें मैं इसलिए कर रहा हूँ कि जन्माष्टमी से कुछ दिन पूर्व, मैं एक ऐसे दिलचस्प अनुभव से गुजरा हूँ तो मेरा मन करता है ये बातें मैं आपसे करूँ |"
- पीएम श्री @narendramodi .#MannKiBaat @MinOfCultureGoI pic.twitter.com/FDzFncoPhT
पर्व की वैज्ञानिकता को समझें
उन्होंने कहा कि हम अपने पर्व मनाएं, उनकी वैज्ञानिकता को समझें, उसके पीछे के अर्थ को समझें. इतना ही नहीं हर पर्व में कोई न कोई संदेश है, कोई न कोई संस्कार है. हमें इसे जानना भी है, जीना भी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में उसे आगे बढ़ाना भी है.
"हम अपने पर्व मनाएँ, उसकी वैज्ञानिकता को समझे, उसके पीछे के अर्थ को समझे | इतना ही नहीं हर पर्व में कोई न कोई सन्देश है, कोई-न-कोई संस्कार है | हमें इसे जानना भी है, जीना भी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में उसे आगे बढ़ाना भी है |"
— Mann Ki Baat Updates मन की बात अपडेट्स (@mannkibaat) August 29, 2021
- पीएम श्री @narendramodi. pic.twitter.com/pikRl7nBLu
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं