कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने यहां एक जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में 40 साल से बंद एक नेपाली नागरिक को रिहा करने का बुधवार को आदेश दिया. उक्त व्यक्ति पर पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग में हुई हत्या के एक मामले में मुकदमा चल रहा था. दीपक जाइशी को एक व्यक्ति की हत्या के मामले में 1981 में गिरफ्तार कर दमदम जेल में रखा गया था और अब उसकी उम्र 70 साल हो चुकी है.
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जाइशी के परिजनों को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी और जब उन्हें उसके कोलकाता की जेल में बंद होने का पता चला तब उन्होंने नेपाल सरकार से संपर्क किया. जाइशी के जेल में होने से संबंधित खबरों का संज्ञान लेते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने एक वकील से याचिका दायर करने को कहा. जाइशी को रिहा करने के लिए साल की शुरुआत में याचिका दायर की गई थी. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के वकील जयंत नारायण चटर्जी ने कहा कि जाइशी अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है और उसे नेपाल स्थित अपने घर की याद नहीं है.
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