
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो).
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राज्य में 20 हजार से अधिक सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ था
विपक्ष ने लगाया था उम्मीदवारों को नामांकन पत्र भरने से रोकने का आरोप
असंतुष्ट उम्मीदवार संबंधित अदालतों में याचिका दायर कर सकेंगे
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि उनके उम्मीदवारों को नामांकन पत्र भरने से रोका गया था. बहरहाल, उच्चतम न्यायालय ने इन आरोपों पर संज्ञान लिया और कहा कि असंतुष्ट उम्मीदवार संबंधित अदालतों में पंचायत चुनावों को चुनौती देने के लिए चुनाव याचिकाएं दायर कर सकते हैं.
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प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति का इस्तेमाल किया और चुनाव याचिकाएं दायर करने के लिए पंचायत चुनाव नतीजों की अधिसूचना की तारीख से शुरू होकर 30 दिन का समय दिया.
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(इनपुट भाषा से)
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