पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने माकपा और भाजपा की याचिकाओं को आज खारिज कर दिया जिनमें राज्य में पंचायत की उन 20,000 से अधिक सीटों पर चुनाव रद्द करने की मांग की गई थी जिन पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ था. उन सभी सीटों पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए थे.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि उनके उम्मीदवारों को नामांकन पत्र भरने से रोका गया था. बहरहाल, उच्चतम न्यायालय ने इन आरोपों पर संज्ञान लिया और कहा कि असंतुष्ट उम्मीदवार संबंधित अदालतों में पंचायत चुनावों को चुनौती देने के लिए चुनाव याचिकाएं दायर कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में 33 फीसदी सीटें निर्विरोध आना कोई बड़ी बात नहीं : चुनाव आयोग
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति का इस्तेमाल किया और चुनाव याचिकाएं दायर करने के लिए पंचायत चुनाव नतीजों की अधिसूचना की तारीख से शुरू होकर 30 दिन का समय दिया.
VIDEO : एकतरफा जीत पर टीएमसी खामोश
(इनपुट भाषा से)
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि उनके उम्मीदवारों को नामांकन पत्र भरने से रोका गया था. बहरहाल, उच्चतम न्यायालय ने इन आरोपों पर संज्ञान लिया और कहा कि असंतुष्ट उम्मीदवार संबंधित अदालतों में पंचायत चुनावों को चुनौती देने के लिए चुनाव याचिकाएं दायर कर सकते हैं.
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(इनपुट भाषा से)
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