
इंदौर:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के जारी विवाद को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आज कहा कि 'मेक इन इंडिया' अभियान के साथ 'ब्रेक इन इंडिया' की कथित मुहिम का चलना ठीक नहीं है।
थरूर ने यहां देवी अहिल्याबाई हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, 'आप (मोदी) विदेशों का दौरा कर भारत के लिए निवेश आकर्षित कर रहे हैं और मेक इन इंडिया की बात कर रहे हैं। ठीक इसी वक्त जेएनयू मसले में आपकी पार्टी (भाजपा) के विद्यार्थी संगठन (एबीवीपी) के नेताओं की वजह से ब्रेक इन इंडिया अभियान भी चल रहा है। यह ठीक नहीं है।'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'सरकार को जेएनयू मसले में देशद्रोह के आरोप वापस लेकर यह विवाद जल्द सुलझाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस मसले को लेकर जारी चर्चा से देश की बदनामी हो रही है।' उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा, 'इस सरकार ने वादा किया था कि वह सुशासन देगी, लेकिन यह किस तरह का सुशासन है, जिसमें देश की राजधानी में अदालत परिसर के अंदर विद्यार्थियों पर हमला हो रहा है।'
थरूर ने आगे कहा, 'हमारे देश को चलाने वाले लोग बड़े दिल के होने चाहिए। देश के लोकतांत्रिक मूल्य बने रहने चाहिए।' जेएनयू परिसर में कथित भारतविरोधी नारेबाजी के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, 'हमारा देश इतना कमजोर नहीं है कि चंद बच्चों के बेवकूफी भरे तीन-चार शब्द सुनकर बर्बाद हो जाएगा। हमें ऐसे शब्दों से डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारा देश बहुत मजबूत है।'
थरूर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विस्तार की वकालत करते हुए कहा, 'देश के विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बनी रहनी चाहिए। हमें लोकतंत्र में विचारों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। विश्वविद्यालयों में विचारों की बहस से हमारा देश आगे बढ़ेगा।' उन्होंने एक सवाल पर कहा, 'देशप्रेम पर किसी का कॉपीराइट नहीं है। हम सब देशप्रेमी हैं। यह भला क्या बात हुई कि इन दिनों ट्विटर पर शटडाउन जेएनयू का हैशटैग चल रहा है।'
थरूर ने यहां देवी अहिल्याबाई हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, 'आप (मोदी) विदेशों का दौरा कर भारत के लिए निवेश आकर्षित कर रहे हैं और मेक इन इंडिया की बात कर रहे हैं। ठीक इसी वक्त जेएनयू मसले में आपकी पार्टी (भाजपा) के विद्यार्थी संगठन (एबीवीपी) के नेताओं की वजह से ब्रेक इन इंडिया अभियान भी चल रहा है। यह ठीक नहीं है।'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'सरकार को जेएनयू मसले में देशद्रोह के आरोप वापस लेकर यह विवाद जल्द सुलझाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस मसले को लेकर जारी चर्चा से देश की बदनामी हो रही है।' उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा, 'इस सरकार ने वादा किया था कि वह सुशासन देगी, लेकिन यह किस तरह का सुशासन है, जिसमें देश की राजधानी में अदालत परिसर के अंदर विद्यार्थियों पर हमला हो रहा है।'
थरूर ने आगे कहा, 'हमारे देश को चलाने वाले लोग बड़े दिल के होने चाहिए। देश के लोकतांत्रिक मूल्य बने रहने चाहिए।' जेएनयू परिसर में कथित भारतविरोधी नारेबाजी के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, 'हमारा देश इतना कमजोर नहीं है कि चंद बच्चों के बेवकूफी भरे तीन-चार शब्द सुनकर बर्बाद हो जाएगा। हमें ऐसे शब्दों से डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारा देश बहुत मजबूत है।'
थरूर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विस्तार की वकालत करते हुए कहा, 'देश के विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बनी रहनी चाहिए। हमें लोकतंत्र में विचारों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। विश्वविद्यालयों में विचारों की बहस से हमारा देश आगे बढ़ेगा।' उन्होंने एक सवाल पर कहा, 'देशप्रेम पर किसी का कॉपीराइट नहीं है। हम सब देशप्रेमी हैं। यह भला क्या बात हुई कि इन दिनों ट्विटर पर शटडाउन जेएनयू का हैशटैग चल रहा है।'
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