PM मोदी के पुराने प्रोजेक्ट्स पर संकट के बादल? महाराष्ट्र की नई सरकार बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट्स पर लगा सकती है रोक

शिवसेना के एक नेता ने एनडीटीवी से कहा कि महाराष्ट्र की नई सरकार मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट्स पर रोक लगा सकती है.

नई दिल्ली:

नई सरकार की आहट के साथ ही पुराने प्रोजेक्ट पर भी संकट के बादल छाने लगे हैं. शिवसेना विधायक दीपक केसरकर ने एनडीटीवी से बातचीत करते हुए आने वाली सरकार किन मुद्दों को प्राथमिकता देगी ये साफ़ कर दिया. उन्होंने कहा कि यह सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चलेगी जिसमें किसानों और नौजवानों की बात की गई है. साथ ही कहा कि हम कोई प्रोजेक्ट का विरोध नहीं करते लेकिन हमारी पहली ज़िम्मेदारी किसानों के प्रति है. केसरकर ने कहा नानार प्रोजेक्ट की जगह गलत थी और बुलेट ट्रेन की क्या ज़रूरत है जब प्लेन की टिकट सस्ता है.

उन्होंने कहा, 'हर एक की अलग-अलग सोच रहती है. अगर आप साढ़े तीन हजार रुपये खर्च करके अहमदाबाद से मुंबई आ सकते हैं तो क्यों न आप फ्लाइट का टिकट खरीदकर उससे आ जाए. ये तो अलग बात थी जब गुजरात और महाराष्ट्र इकट्ठा थे और दोनों की राजधानी मुंबई थी. ये कनेक्टिविटी होनी चाहिए. आज के समय में इसकी जरूरत है या नहीं ये मैं नहीं कह सकता. हम किसी के खिलाफ नहीं है, लेकिन हमारी पहली प्राथमिकता किसान है.'

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शिवसेना के एक नेता ने एनडीटीवी से कहा कि महाराष्ट्र की नई सरकार मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट्स पर रोक लगा सकती है. पार्टी प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा कि हमारी सरकार नानार ऑयल रिफाइनरी के खत्म करेगी और मुंबई की आरे कॉलोनी में और पेड़ नहीं काटे जाएंगे. 

उन्होंने कहा, 'हालांकि, कई पेड़ों को MMRCL (मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने काट दिया है, लेकिन आगे अब एक भी नहीं कटेगा. उद्धव ठाकरेजी ने कहा है कि यह सरकार सरकार लोगों के लिए काम करेगी.'

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साथ ही उन्होंने कहा, 'जहां तक ​​बुलेट ट्रेन का मामला है, हमने पहले भी फैसला किया था. अगर इसकी वजह से बहुत सारे लोगों को बहुत नुकसान हो रहा है, तो हम इसको आगे लेकर क्यों जाएंगे?'

बुलेट ट्रेन की राह आसान नहीं- सूत्र

- महाराष्ट्र सरकार को 5000 करोड़ देने हैं इस प्रोजेक्ट को लेकर

- बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स की जमीन की कीमत 3500 करोड़ रुपये महाराष्ट्र सरकार ने मांगी थी, तब जब भाजपा की सरकार थी. काम्प्लेक्स की ज़मीन बुलेट ट्रेन के रास्ते में है, जहां स्टेशन भी बनने हैं.

- महारष्ट्र के पालघर में 350 हेक्टर ज़मीन अधिग्रहण करना है, जिसमें महज़ 30 हेक्टेयर ही अधिग्रहित हो पाई है और बिना राज्य सरकार के अधिग्रहण मुमकिन नहीं.

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- पालघर में Dhanau नाम की जगह है, जहां इस बार जीत दर्ज करने वाला विधायक सीपीआई (M) का है. बता रहे हैं कि उसको वोट ही इस बात को लेकर मिले हैं कि उन्होंने दावा किया था, 'जिताओ बुलेट ट्रेन स्क्रैप कर देंगे.'