शरद पवार और उद्धव ठाकरे की किसी अज्ञात जगह पर मुलाकात हुई है.सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सैद्धांतिक तौर पर समर्थन को तैयार है. सिर्फ सरकार में रहकर या बाहर से ये फैसला होना बाकी है. NCP चाहती है कि कांग्रेस सरकार में शामिल हो. वहीं केंद्रीय कैबिनेट में शामिल के एक मात्र मंत्री अरविंद सावंत ने मंत्रिमंडल से अपना त्यागपत्र दे दिया है. बात करें कांग्रेस की तो कांग्रेस के एक खेमे का कहना कि पार्टी को बाहर से समर्थन करना चाहिए जबकि एक दूसरे गुट का कहना है सरकार में शामिल होना चाहिए जिससे राज्य में नेताओं और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होगा. इससे पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक खत्म हो गई है और अब शाम 4 बजे महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं की बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा.
वहीं एनसीपी ने सारा फैसला कांग्रेस पर छोड़ दिया है. पार्टी के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि एनसीपी ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है और बिना कांग्रेस को वह कोई फैसला नहीं करेगी. दरअसल एनसीपी शिवसेना की सरकार बनाने में अकेले में कोई भूमिका अदा करने का रिस्क लेना नहीं चाहती है. क्योंकि बीजेपी के पास अब यह कहने का पूरा मौका होगा कि सत्ता के लिए तीनों पार्टियां एकसाथ हो गई हैं.
वहीं शिवसेना की दलील है कि जब बीजेपी, पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है तो शिवसेना एनसीपी-कांग्रेस के साथ क्यों नहीं. आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा पार कर लिया था. लेकिन शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था. शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ. इसी लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई.
बिना कांग्रेस के आगे नहीं बढ़ेगी एनसीपी: नवाब मलिक
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