प्रतीकात्मक फोटो।
मुंबई:
महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार लाटरी से लगी चपत से परेशान है। राज्य सरकार को पता चला है कि लाटरी कंपनियों ने टैक्स चोरी कर उसकी तिजोरी को 933 करोड़ रूपए का चूना लगाया है। कांग्रेस-एनसीपी सरकार के कार्यकाल में हुए कई फैसले इसके लिए जिम्मेदार बताए जा रहे हैं। इसकी जांच के आदेश बीजेपी सरकार ने दे दिए हैं।
राज्य में क्यों नहीं छपे लाटरी के टिकट
महाराष्ट्र के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आखिर क्यों राज्य के सरकारी लाटरी के टिकट राज्य में नहीं छपे? आखिर क्यों इन्हें सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में नहीं छापा गया? ऐसे कई सवालों के जवाब वे खुद ढूंढ रहे हैं।
पूर्व वित्त मंत्री जयंत पाटिल पर शक
वैसे इस गड़बड़झाले में शक की सुई महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री और एनसीपी नेता जयंत पाटिल की तरफ घूम रही है। राज्य के पूर्व आईएएस आनंद कुलकर्णी ने पाटिल पर लाटरी में अनियमितता बरतने का गंभीर आरोप लगाया है।
सफाई दे रहे पाटिल
जयंत पाटिल जवाब में अब सफाई दे रहे हैं। मुंबई में एक संवाददाता सम्मलेन कर उन्होंने खुद पर लगे आरोप झुठलाए। साथ ही कहा कि उनकी स्कीम की वजह से राज्य की आमदनी बढ़ी। 700 करोड़ रुपये की लाटरी से राज्य सरकार को आमदनी हुई। 3 हजार से ज्यादा लाटरी को नियंत्रित कर 33 तक सीमित किया गया।
टैक्स न भरने वालों को कोई अता-पता नहीं
चौंकाने वाली बात है कि लाटरी कारोबार से हुई आमदनी पर टैक्स न भरने वाली कंपनियों का ठिकाना तक महाराष्ट्र सरकार के पास नहीं है। वित्तीय घोटाले की जांच करने वाले राज्य पुलिस के विभाग को उन कंपनियों को ढूंढने के आदेश दिए गए हैं। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर लाटरी कंपनियों ने टैक्स नहीं चुकाया तो मामला सीबीआई को अगली जांच के लिए सौंपा जाएगा।
राज्य में क्यों नहीं छपे लाटरी के टिकट
महाराष्ट्र के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आखिर क्यों राज्य के सरकारी लाटरी के टिकट राज्य में नहीं छपे? आखिर क्यों इन्हें सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में नहीं छापा गया? ऐसे कई सवालों के जवाब वे खुद ढूंढ रहे हैं।
पूर्व वित्त मंत्री जयंत पाटिल पर शक
वैसे इस गड़बड़झाले में शक की सुई महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री और एनसीपी नेता जयंत पाटिल की तरफ घूम रही है। राज्य के पूर्व आईएएस आनंद कुलकर्णी ने पाटिल पर लाटरी में अनियमितता बरतने का गंभीर आरोप लगाया है।
सफाई दे रहे पाटिल
जयंत पाटिल जवाब में अब सफाई दे रहे हैं। मुंबई में एक संवाददाता सम्मलेन कर उन्होंने खुद पर लगे आरोप झुठलाए। साथ ही कहा कि उनकी स्कीम की वजह से राज्य की आमदनी बढ़ी। 700 करोड़ रुपये की लाटरी से राज्य सरकार को आमदनी हुई। 3 हजार से ज्यादा लाटरी को नियंत्रित कर 33 तक सीमित किया गया।
टैक्स न भरने वालों को कोई अता-पता नहीं
चौंकाने वाली बात है कि लाटरी कारोबार से हुई आमदनी पर टैक्स न भरने वाली कंपनियों का ठिकाना तक महाराष्ट्र सरकार के पास नहीं है। वित्तीय घोटाले की जांच करने वाले राज्य पुलिस के विभाग को उन कंपनियों को ढूंढने के आदेश दिए गए हैं। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर लाटरी कंपनियों ने टैक्स नहीं चुकाया तो मामला सीबीआई को अगली जांच के लिए सौंपा जाएगा।
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