फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने एक बड़ा बयान दिया है. एनडीटीवी (NDTV) की ओर से जब उनसे पूछा गया कि क्या इतने बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कमलनाथ को छोड़कर कमल की ओर चले जाएंगे, तो उन्होंने कहा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था, उनका फैसला था, सब अपना तय करते हैं उन्होंने भी तय किया है'. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि सिंधिया को क्यों नहीं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो उन्होंने कहा, मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बना सकता है, ये दिल्ली से तय होता है. सिंधिया जी किस बात के लिए इच्छुक थे, किस चीज के इच्छुक थे ये हमारे दिल्ली के नेतागण जवाब देंगे. जब उनसे पूछा राज्यपाल को लिखी चिट्ठी के बारे में पूछा गया तो कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार के पास बहुमत है और 15 महीने में कई बार बहुमत सिद्ध किया है. राज्यपाल जी को बीजेपी से अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कहना चाहिए. मध्य प्रदेश के सीएम आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के विधायकों को कर्नाटक भेजने के लिए बीजेपी ने जहाज के पैसे दिए हैं और उनका बीजेपी के नेता ला रहे हैं तो कैसे मान लिया जाए कि वह स्वतंत्र हैं. कमलनाथ ने साथ में भी यह भी कहा कि कर्नाटक जो विधायक आते हैं उनका उन पर विश्वास है. सीएम ने मुस्कराते हुए यह भी कहा कि उनकी बात बीजेपी नेताओं से भी हो रही है. कमलनाथ से जब पूछा गया कि वहां से कई विधायक कह रहे हैं कि उनकी जान को खतरा है तो उन्होंने इस बात को खारिज करते हुए कहा कि क्या एक महीने बाद जब आएंगे तब जान का खतरा नहीं होगा.
एनडीटीवी की ओर से जब पूछा गया कि कई विधायक आपके काम की आलोचना कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यही लोग आम सभाओं में कुछ दिन पहले तारीफ कर रहे थे, उसके वीडियो भी दिखा सकता हूं. इस बात उनसे सवाल किया गया कि क्या कांग्रेस के विधायकों का ब्रेन वॉश कर दिया गया है तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो उनको कॉल नहीं करते. उन्होंने कहा शिवराज जी सपना देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिवराज की सारी गुगली वाइड हो जाएगी.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार के 22 विधायकों ने ज्योतिरादित्या सिंधिया के पार्टी छोड़ते ही इस्तीफा का ऐलान कर दिया है. इनमें से 6 के इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए हैं. इस पर बीजेपी ने सरकार से बहुमत साबित करने की मांग की. लेकिन विधानसभा स्पीकर ने कोरोना वायरस के चलते विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक टाल दिया है. इसकी शिकायत लेकर बीजेपी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई.
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