Lockdown 3.0: कर्नाटक सरकार के अपने राज्य से प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जाने वाली सारी ट्रेनें रद्द करने के फ़ैसला पर अब बिहार में राजनीति शुरू हो गई है. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप करके कर्नाटक की भाजपा सरकार को कड़ा संदेश देने की मांग की है.
तेजस्वी ने बुधवार की शाम को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ''कर्नाटक के मुख्यमंत्री से वहां के उद्योगपतियों ने मिलकर अप्रवासी बिहारी श्रमवीरों की वापसी पर रोक लगवा दी. कर्नाटक की भाजपाई सरकार अप्रवासी बिहारी कामगारों के मानवाधिकारों और महामारी के दौर में बुनियादी सहानुभूति को धता बताते हुए उन्हें ज़बरदस्ती रोकने और बंधक बनाने का हुक्म जारी नहीं कर सकती.''
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ''बिहारी भाईयों को बंधुआ मजदूर या गुलाम मानने की भाजपाई सरकार की कोई भी हरकत बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. केंद्र सरकार, कर्नाटक सरकार और बिहार सरकार जहां तीनों जगह भाजपा की सरकार है. वहां से जो मज़दूर बिहार आना चाहते हैं उनके लिए नियमित ट्रेनों का संचालन करें. मैं पूरे बिहार की ओर से कर्नाटक सरकार को एक कठोर संदेश भेजने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से अनुरोध करता हूं.''
उन्होंने कहा कि ''मुश्किल की घड़ी में पूंजीपतियों ने विगत 40 दिनों तक इन गरीब मज़दूरों को अपने हाल पर छोड़ अमानवीय व्यवहार किया. उन्हें वेतन, आवासीय किराया और राशन तक नहीं दिया गया. उन्हें बोझ समझा और अब व्यापार और उत्पादन शुरू करने के लिए उन्हें घर वापस जाने से रोका जा रहा है. जो अप्रवासी मज़दूर भाई आना चाहता है उसे बिहार सरकार अविलंब लेकर आए. कर्नाटक की भाजपाई सरकार बिहारियों को अपना दास ना समझे.''
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