
पूरे देश में आज एक साथ कई राज्यों के लिए श्रमिक विशेष ट्रेन चलीं. लेकिन आज एक विषय पर बहस शुरू हो गई कि टिकट का पैसा कौन देगा? जहां कोटा से चलने वाली ट्रेनों में किसी भी छात्र को पैसा देने की ज़रूरत नहीं पड़ी वहीं दक्षिण के राज्यों, ख़ासकर त्रिवेंद्रम में यात्रियों की शिकायत थी कि उनसे पैसा लेकर ही ट्रेन में चढ़ने की अनुमति दी गई है.
इस बीच बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने इस संबंध में साफ़ किया कि ऐसा केंद्र सरकार के दिशानिर्देश में है, यात्रियों को अपने किराये का पैसा देना होगा. लेकिन सवाल किया है कि छात्रों के लिए चलने वाली विशेष ट्रेन का खर्च राज्य सरकारें क्यों वहन कर रही हैं और मज़दूरों से पैसा क्यों लिया जा रहा है.
कोटा से कल बिहार के लिए दो ट्रेनें चलेंगी. इनमें से एक गया और एक बेगूसराय जाएगी. केरल से दो ट्रेनें आज चली हैं. कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात से राज्य सरकार की बातचीत चल रही है.
उधर सूरत में आज प्रवासी मजदूरों की लंबी कतारें लगीं. वे अपने अपने राज्य जाने के लिए बसों का इंतजार कर रहे थे. सूरत के पांडेसरा इलाके में मजदूरों की लंबी कतारें लगी रहीं. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग की गई, लेकिन चिलचिलाती धूप में मजदूर परेशान देखे गए.