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इन 10 प्वाइंट्स में समझें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांचवें दिन क्या-क्या ऐलान किए

पिछले चार दिनों में चार किस्तों में सरकार ने करीब 11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी.

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वित्त मंत्री ने आज आत्मनिर्भर भारत पैकेज की पांचवी और अंतिम किस्त का ऐलान किया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं और अंतिम किस्त में भी सुधारों पर ही जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस किस्त में मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम के उल्लंघनों को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधनों पर ध्यान दिया गया है. इससे पहले वित्त मंत्री चार किस्तों की जानकारी दे चुकी हैं. पिछले चार दिनों में चार किस्तों में सरकार ने करीब 11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी. घोषित किये गये उपायों में छोटे व्यवसायों, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं, किसानों और गरीब प्रवासियों के साथ-साथ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), सूक्ष्त वित्त संस्थानों (एमएफआई) और बिजली वितरकों के लिये राहत दी गयी हैं. चौथी किस्त में शनिवार को, सरकार ने रक्षा विनिर्माण में विदेशी निवेश सीमा को बढ़ाने की घोषणा की. इसके अलावा वाणिज्यिक कोयला खनन, खनिज ब्लॉकों की नीलामी, बिजली वितरण में सुधार, अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिये खोलने, विमानन क्षेत्र में सुधार आदि की घोषणा की गई. वित्त मंत्री की आज की प्रेस कांफ्रेंस में 10 मुख्य बातें इस प्रकार से हैं.

वित्त मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस की 10 बड़ी बातें

  1. प्रोत्साहन पैकेज की इस महीने जारी पहली किस्त में 5.94 लाख करोड़ रुपये, दूसरी किस्त में 3.10 लाख करोड़ रुपये, तीसरी किस्त में 1.50 लाख करोड़ रुपये और चौथी एवं पांचवीं किस्त में 48,100 करोड़ रुपये के उपायों की घोषणायें की गईं. रिजर्व बैंक के मौद्रिक उपायों, मार्च की सरकार की घोषणाओं और पांच किस्तों को मिलाकर प्रोत्साहन पैकेज का आकार 20,97,530 करोड़ रुपये. 
  2. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए एक नई ‘अनुकूल' नीति लाई जाएगी. इसके तहत रणनीतिक क्षेत्रों को परिभाषित किया जाएगा, जिनमें चार से अधिक सार्वजनिक उपक्रम नहीं होंगे.  वित्त मंत्री ने यहां आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में जनहित में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की मौजूदगी की जरूरत है, उन्हें अधिसूचित किया जाएगा. 
  3. वित्त मंत्री के अनुसार राज्यों की कर्ज उठाने की सीमा उनके सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर 2020-21 में पांच प्रतिशत किया गया, इससे उन्हें 4.28 जाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त धन उपलब्ध हो सकेगा. 
  4. निर्मला सीतारमण ने कहा कि रणनीतिक क्षेत्रों से बाहर के सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जायेगा. सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के लिये नयी नीति आयेगी, रणनीतिक क्षेत्र परिभाषित होंगे जिनमें पीएसयू रहेंगे, अन्य क्षेत्रों के पीएसयू का निजीकरण/विलय होगा. 
  5. वित्त मंत्री ने कहा कि दिवाला कार्रवाई शुरू करने के लिए न्यूनतम चूक की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की गई. इससे एमएसएमई क्षेत्र को लाभ होगा.  एक साल तक दिवाला संबंधी कोई नयी कार्रवाई नहीं की जाएगी. कोविड-19 से जुड़े कर्ज को चूक की परिभाषा से अलग किया जाएगा. 
  6. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त की घोषणा करते हुए रविवार को कहा कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में निश्चित रूप से खर्च बढ़ाएगी. सभी जिलों में संक्रामक रोग सेंटर होंगे. ब्लॉक लेवल पर लैब स्थापित की जाएंगी. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ और वेलनेस सेंटर बढ़ाए जाएंगे.
  7. वित्त मंत्री ने कहा कि देशभर में लैब नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा. महामारी को नियंत्रित करने के लिए सभी जिले एवं ब्लॉक स्तर पर एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब (Public Health Lab) स्थापित की जाएंगी. 
  8.  वित्त मंत्री ने बताया कि पीएम विद्या योजना के तहत जल्द ही ऑनलाइन एजुकेशन के लिए बड़े कदम लिए जाएंगे. जिसके तहत हर राज्य में स्कूलों को QR कोड वाली टेक्सटबुक उपलब्ध कराई जाएगी. वन नेशन, वन डिजिटल प्लेटफॉर्म के अंतर्गत सभी कक्षाओं के सिलेबस को ऑनलाइन किया जाएगा.
  9. वित्त मंत्री ने बताया कि हर क्लास के लिए एक अलग चैनल बनाया जाएगा. इसके शिक्षा के लिए रेडियो, कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट का भी इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही दिव्यांग छात्रों के लिए इ-कंटेंट तैयार किया जाएगा. 
  10. पिछले चार दिनों में चार किस्तों में सरकार ने करीब 11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है. घोषित किये गये उपायों में छोटे व्यवसायों, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं, किसानों और गरीब प्रवासियों के साथ-साथ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), सूक्ष्त वित्त संस्थानों (एमएफआई) और बिजली वितरकों के लिये राहत दी गयी हैं.

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