भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का मामला अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। भारतीय किसान यूनियन समेत कई यूनियनों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सुप्रीम कोर्ट भी इस याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है। 13 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई होगी। इस मामले को पूर्व एएसजी इंदिरा जय सिंह ने शुक्रवार को चीफ जस्टिस एच एल दत्तू की बेंच के सामने रखा और कहा कि ये गंभीर मामला है और इस पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए।
जस्टिस दत्तू ने कहा कि ये याचिका गुरुवार को ही दाखिल हुई है और इसके लिए बेंच भी बना दी गई है। इस मुददे पर सोमवार या फिर बुधवार को सुनवाई होगी। लेकिन इंदिरा जय सिंह ने कहा कि इस मामले की सुनवाई सोमवार को ही होनी चाहिए। इसके बाद जस्टिस दत्तू ने सोमवार को ही सुनवाई की बात कह दी।
दरअसल गुरुवार को ही कई किसान यूनियनों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इस अर्जी में कहा गया है कि बार-बार अध्यादेश लाना गलत है। ये अध्यादेश राज है और इसे कानून में मान्यता नहीं दी जा सकती। ये भी कहा गया है कि ये अध्यादेश सरकार इसलिए ला रही है क्योंकि राज्यसभा में उसका बहुमत नहीं है।
ऐसे में अध्यादेश को संविधान के साथ धोखा ही कहा जाएगा। अर्जी में मांग की गई है कि इस अध्यादेश पर रोक लगाई जाए। गौरतलब है कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर देश भर में आंदोलन चलाने की बात हो रही है।
कांग्रेस भी इस मामले में अध्यादेश को किसान विरोधी बताते हुए 19 अप्रैल को एक बड़ी रैली का आयोजन कर रही है तो वहीं कई किसान यूनियन भी इसका विरोध कर रही हैं। वहीं, केंद्र सरकार कह रही है कि ये अध्यादेश पूरी तरह किसानों को फायदा पहुंचाने वाला है।
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