ममता सरकार के मंत्री फिरहद हकीम ने आज बरकती से मुलाकात करके लाल बत्ती हटाने का अनुरोध किया था.
कोलकाता:
टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम ने शनिवार को अपने वाहन से लाल बत्ती हटा दी. उन्होंने दो दिन पहले कहा था कि उन्हें लाल बत्ती का इस्तेमाल करने का अधिकार ब्रिटिश सरकार से प्राप्त है. मौलाना नूर-उर रहमान बरकती ने कहा, " मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने एक मंत्री को मेरे पास भेजा था जिसने बताया कि लालबत्ती के कारण अनावश्यक विवाद हो रहा है. इसके बाद मैंने अपनी कार से लाल बत्ती हटा ली है." गौरतलब है कि शहरी विकास और नगरीय मामलों के मंत्री फिरहद हकीम ने आज बरकती से मुलाकात की थी और उनसे लाल बत्ती हटाने का अनुरोध किया था.
बाद में उन्होंने सफाई देते हुए दबाव की बात से इनकार करते हुए कहा, "नहीं, मेरे ऊपर लाल बत्ती हटाने का कोई राजनैतिक दबाव नहीं था. कैसे राजनैतिक दल मुझ पर दबाव डालेंगे. मैं शाही इमाम हूं और कानून का पालन करूंगा." कोलकाता यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इमाम ने स्वेच्छा से लाल बत्ती हटाई. गुरुवार को बरकती ने कहा था, "मैं एक धार्मिक नेता हूं और मैं दशकों से लाल बत्ती का इस्तेमाल कर रहा हूं. मैं केंद्र के आदेश का पालन नहीं करता हूं. वे मुझे आदेश देने वाले कौन हैं. बंगाल में सिर्फ राज्य सरकार का आदेश लागू होगा. मैं लाल बत्ती का इस्तेमाल करूंगा."
केंद्र ने 'वीआईपी संस्कृति' को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाते हुए फैसला किया था कि एक मई से प्रधानमंत्री समेत सभी के वाहनों से लाल बत्ती हटेगी. बुधवार को केंद्र सरकार के आदेश की अवज्ञा करने के लिए पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. राज्य पुस्तकालय और सार्वजनिक शिक्षा मंत्री मौलाना सिद्दिकुल्ला चौधरी ने आदेश की अवज्ञा करने के लिए बरकती की आलोचना करते हुए कहा कि शाही इमाम को लाल बत्ती की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा, "इस तरह का कृत्य इस्लाम के खिलाफ है क्योंकि वह कानून के उल्लंघन का समर्थन नहीं करता है."
दिन में आज एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम भी हुआ. मंत्री सिद्दुकल्ला चौधरी के समर्थकों की शाही इमाम बरकती के लोगों के बीच विवाद होते-होते बचा. दरअसल चौधरी ने शाही इमाम की निंदा की थी. दोनों पक्षों के बीच विवाद टालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. मजेदार बात तो यह रही कि इमाम द्वारा लाल बत्ती का इस्तेमाल किए जाने की निंदा करने वाले मंत्री सिद्दुकल्ला चौधरी खुद लाल बत्ती का प्रयोग अपनी कार पर करते नजर आए. बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह उसे हटा लेंगे.
बाद में उन्होंने सफाई देते हुए दबाव की बात से इनकार करते हुए कहा, "नहीं, मेरे ऊपर लाल बत्ती हटाने का कोई राजनैतिक दबाव नहीं था. कैसे राजनैतिक दल मुझ पर दबाव डालेंगे. मैं शाही इमाम हूं और कानून का पालन करूंगा." कोलकाता यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इमाम ने स्वेच्छा से लाल बत्ती हटाई. गुरुवार को बरकती ने कहा था, "मैं एक धार्मिक नेता हूं और मैं दशकों से लाल बत्ती का इस्तेमाल कर रहा हूं. मैं केंद्र के आदेश का पालन नहीं करता हूं. वे मुझे आदेश देने वाले कौन हैं. बंगाल में सिर्फ राज्य सरकार का आदेश लागू होगा. मैं लाल बत्ती का इस्तेमाल करूंगा."
केंद्र ने 'वीआईपी संस्कृति' को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाते हुए फैसला किया था कि एक मई से प्रधानमंत्री समेत सभी के वाहनों से लाल बत्ती हटेगी. बुधवार को केंद्र सरकार के आदेश की अवज्ञा करने के लिए पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. राज्य पुस्तकालय और सार्वजनिक शिक्षा मंत्री मौलाना सिद्दिकुल्ला चौधरी ने आदेश की अवज्ञा करने के लिए बरकती की आलोचना करते हुए कहा कि शाही इमाम को लाल बत्ती की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा, "इस तरह का कृत्य इस्लाम के खिलाफ है क्योंकि वह कानून के उल्लंघन का समर्थन नहीं करता है."
दिन में आज एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम भी हुआ. मंत्री सिद्दुकल्ला चौधरी के समर्थकों की शाही इमाम बरकती के लोगों के बीच विवाद होते-होते बचा. दरअसल चौधरी ने शाही इमाम की निंदा की थी. दोनों पक्षों के बीच विवाद टालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. मजेदार बात तो यह रही कि इमाम द्वारा लाल बत्ती का इस्तेमाल किए जाने की निंदा करने वाले मंत्री सिद्दुकल्ला चौधरी खुद लाल बत्ती का प्रयोग अपनी कार पर करते नजर आए. बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह उसे हटा लेंगे.
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