कोलकाता : सरकार ने दो केएमडीए इंजीनियर किए संस्पेंड, फ्लाईओवर हादसे में तीन गिरफ्तार

कोलकाता : सरकार ने दो केएमडीए इंजीनियर किए संस्पेंड, फ्लाईओवर हादसे में तीन गिरफ्तार

कोलकाता:

कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाके में कल एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर के गिरने की घटना के बाद, यह निर्माण करने वाली हैदराबाद की कंपनी के तीन शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार करके उन पर हत्या का आरोप लगाया गया है। इस हादसे में मरने वालों की संख्या 25 हो गई है। राज्य सरकार ने भी कोलकाता मेट्रोपोलिटन डेवलेपमेंट अथॉरिटी के दो वरिष्ठ इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है। आईवीआरसीएल के साथ केएमडीए भी प्रोजेक्ट में पार्टनर है।

इससे पहले, दिन में कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था कि कुछ इंजीनियरों, प्रबंधकों और उपाध्यक्ष सहित फ्लाईओवर निर्माता कंपनी आईवीआरसीएल के 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

पुलिस ने सहायक महाप्रबंधक मल्लिकाजरुन, सहायक प्रबंधक देवज्योति मंजुमदार और स्ट्रक्चर प्रबंधक प्रदीप कुमार साहा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) तथा अन्य के तहत गिरफ्तार किया है। इन लोगों को कल अदालत में पेश किया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि कंपनी के अन्य सातों अधिकारी हिरासत में हैं और आईवीआरसीएल के शीर्ष अधिकारियों से मिलने के लिए कोलकाता पुलिस का एक दल रवाना हो गया है। राज्य सरकार ने आज कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण के दो इंजीनियर को निलंबित कर दिया।

पुलिस ने कल हैदराबाद आधारित इस कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308 एवं 407 के तहत मामला दर्ज किया था और उसके कार्यालय को सील कर दिया था। इस घटना में करीब 90 लोग घायल हुए थे, जिनमें से सात की हालत बहुत गंभीर बनी हुई है।

आईवीआरसीएल के एक अधिकारी की ओर से इस घटना को 'भगवान की मर्जी' करार दिए जाने के एक दिन बाद आज कंपनी की कानूनी टीम की प्रमुख पी सीता ने कहा, 'यह एक घटना है।' सीता ने किसी तरह की छेड़छाड़ से इंकार नहीं किया तथा एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि बम विस्फोट हुआ होगा।

उन्होंने हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा, 'भगवान की मर्जी सिर्फ यही बात बताने के लिए अभिव्यक्ति थी कि यह किसी के बस में नहीं है।' सीता ने दावा किया, 'गुणवत्ता के संदर्भ में 100 फीसदी कोई मुद्दा नहीं है। यह वही सामग्री है, जिसे पहले 59 खंडों के निर्माण में इस्तेमाल किया गया था।' उन्होंने कहा कि कंपनी इस मामले में पूरा सहयोग करेगी।

इस बीच एनडीआरएफ के महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि एनडीआरएफ के जवानों ने घटना वाले इलाके की पूरी तरह छानबीन कर ली है और अब कोई 'जीवित या मृत व्यक्ति' वहां नहीं है। उन्होंने कहा, 'कोई भी व्यक्ति अभी तक जीवित नहीं पाया गया है। चकनाचूर हो चुके ऑटोरिक्शा समेत कई और वाहनों को मलबे से निकाला गया है। अभी भी एक लोडिंग वाहन (लॉरी) मलबे में दबा हुआ है।

निर्माणाधीन इस फ्लाईओवर का लगभग 60 मीटर लंबा हिस्सा कल सुबह अचानक गिर गया था और कई लोग इसके नीचे दब गए थे। राज्य सरकार ने आसपास के मकानों में रह रहे 62 परिवारों को अपने आवास अस्थायी तौर पर खाली करने का अनुरोध किया था ताकि मलबा सुरक्षित तरीके से हटाया जा सके।

कोलकाता में फोरेंसिक विशेषज्ञों ने आज स्थल का दौरा किया, जहां कल फ्लाईओवर गिरा था। उन्होंने निर्माण में इस्तेमाल की गई सामाग्री के नमूने लिए। राज्य सरकार ने पीड़ितों के लिए मुआवजे के ऐलान के बारे में चुनाव आयोग को सूचित किया है, क्योंकि विधानसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लागू है। मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपये तथा मामूली रूप से घायलों को एक लाख रुपये देने का ऐलान किया गया था।

तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच फ्लाईओवर ढहने को लेकर आज वाकयुद्ध शुरू हो गया। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राज्य सरकार पर जहां 'आपराधिक लापरवाही' के आरोप लगाए। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इसे 'सस्ती राजनीति' बताया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री नकवी ने कहा कि राहत कार्य सुनिश्चित करने में तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने 'आपराधिक लापरवाही' बरती और पूर्ववर्ती वाम मोर्चा की सरकार के साथ 'भ्रष्टाचार की प्रतियोगिता' करती रही, जिस कारण फ्लाईओवर ढह गया और 25 लोगों की जान चली गई।

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने नकवी के बयान को चुनाव के मौसम में 'सस्ती राजनीति' करार दिया। उन्‍होंने कहा, 'अभी भाजपा के एक मंत्री का बयान देखा। चुनावी मौसम में सस्ती राजनीति की बू आ रही है। सेना राज्य सरकार के आग्रह पर आई। सेना देश की है भाजपा की नहीं।'

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)