 
                                            Kisan Aandolan: किसान आंदोलन के चलते युवा बड़ी संख्या में अपने वाहनों पर किसान यूनियन के झंडे लगवा रहे हैं, इसके कारण अब अलग-अलग डिज़ाइन ओर रंगों के झंडों और स्टीकरों (flags and stickers) की मांग बहुत बढ़ गई है. इसका फायदा दुकानदारों को भी होता नजर आ रहा है. झंडे बनाने व बेचने वाली दुकानों पर बड़ी संख्या में ग्राहकों की आवाजाही देखने को मिल रही है.युवा अब अपनी पसंद के हिसाब से झंडों-स्टीकरों का डिज़ाइन बदलवाकर भी बनवा रहे हैं. यही नहीं, गाड़ियों पर किसान यूनियन के झंडे लगाना अब किसी फैशन या SWAG से कम नजर नही आ रहा.
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आलम यह है कि सड़क पर चलते हर तीसरे-चौथे वाहन पर किसान यूनियन का झंडा लगा हुआ नजर आ आता है. झंडों को लेकर युवाओं में खासतौर पर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. दुकानदार 2-3 रंगों व डिज़ाइनो के झंडे बना रहे हैं. झंडा खरीदने आए युवाओं का कहना है कि वह कार पर लगाने के लिए झंडा लेने आए हैं, देश का अन्नदाता 47 दिनों से कड़कती ठंड में दिल्ली में बैठे हैं जिसके समर्थन में हम कार बाइक और घरों पर किसान यूनियन के झंडे लगा रहे हैं. हमारा परिवार खेती नही करता है लेकिन किसान हमारे देश के अन्नदाता है, इसलिए हम भी अपने किसानों के समर्थन में बाइक पर झंडा लगाने के लिए उत्साहित हैं.
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कृषि कानूनों (Farm Laws)को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है. तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर देशभर के किसान 40 दिन से अधिक समय से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. केंद्र सरकार और किसानों के बीच हाल में हुई 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने से कम पर मानने को तैयार नहीं है. दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की बैठक 15 जनवरी को होगी.
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